NBR/ Mandar
मांडर प्रखंड कार्यालय और कर्मचारियों के आवासों के जीर्णोद्धार के लिए निकाला गया टेंडर विवादों में पड़ता दिख रहा है। क्योंकि, पंजीकृत संवेदक को काम देने के बजाय नियमों की अनदेखी कर एक जीएसटी होल्डर वेंडर को काम दे दिया गया है। इस कारण टेंडर में हिस्सा लेनेवाले पंजीकृत संवेदकों में भारी रोष है। आरोप है कि राजतीनिक दबाव में नियमों को ताक पर रखकर ऐसे व्यक्ति को ठेका दिया गया है, जिसके पास न अर्हता है और न ही काम कराने का खास अनुभव।
ग्रामीण विकास विभाग करा रहा काम
ग्रामीण विकास विभाग 12 लाख 19 हजार रुपए की लागत से जीर्णोद्धार का कार्य करा रहा है। काम शुरू करने से पहले विभाग की ओर से टेंडर निकाला गया था। करीब आधा दर्जन ठेकेदारों ने टेंडर भरा था। लेकिन, जीएसटी होल्डर वेंडर को काम आवंटित कर दिया गया। टेंडर डालने वाले संवेदकों ने इसे विभाग में लिखित शिकायत की, पर उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
क्या कहते हैं प्रखंड विकास पदाधिकारी
मांडर के प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) सुलेमान मुंडरी से जब इस संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि जिसे काम दिया गया है, उसका रेट सबसे कम था। इसलिए, उसे कार्य आवंटित किया गया है। साथ ही, यह टेंडर किसी संवेदक को ही दिया जाएगा विज्ञापन में ऐसी कोई शर्त नहीं रखी गई थी। यह पूछने पर कि टेंडर के प्रकाशन में ही यह क्यों नहीं लिखा गया था कि जीएसटी होल्डर भी टेंडर में हिस्सा ले सकते हैं। इस पर उन्होंने चुप्पी साध ली।
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