GA4-314340326 भाजपा ने बिहार में सम्राट को सौंपी कमान, झारखंड में सुगबुगाहट तेज

भाजपा ने बिहार में सम्राट को सौंपी कमान, झारखंड में सुगबुगाहट तेज

 

Novbhaskar: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने गुरुवार को चार राज्यों में पार्टी के नये प्रदेश अध्यक्षों के नामों की घोषणा की। नड्डा की ओर से जारी पत्र के अनुसार, राजस्थान में  सीपी जोशी, बिहार में सम्राट चौधरी, ओड़िशा में मनमोहन सामल और दिल्ली में वीरेन्द्र सचदेवा को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इन चारों राज्यों में भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष चुनने में उम्र का ध्यान रखा है। खासकर बिहार में संजय जायसवाल को हटाकर आरजेडी नेता और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और कुर्मी समाज से आनेवाले मुख्यमंत्री व जदयू नेता नीतीश कुमार से निबटने के लिए सम्राट चौधरी को कमान सौंपी है। दरअसल, सम्राट चौधरी युवा होने के साथ-साथ बिहार की राजनीति में प्रभावी मानी जानेवाली लव-कुश यानी कुर्मी-कोईरी में से कोईरी जाति के हैं, जबकि नीतीश कुमार कुर्मी हैं। इसीलिए, भाजपा सम्राट चौधरी को आगे करके एक तीर से दो शिकार करना चाहती है। सम्राट के चयन पर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि बनिया से मन भर गया, तो महतो से उम्मीद लगा रहे हैं। 

एक समय भाजपा के दबाव में सम्राट को छोड़ना पड़ा था मंत्री पद

बिहार की राजनीति में भाजपा के लिए आज सम्राट चौधरी (Sarath choudhary) इतने महत्वपूर्ण हो गए हैं कि वह उन्हें दो पदों पर बैठा चुकी है। इनमें एक है बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का पद और दूसरा प्रदेश अध्यक्ष का पद। लेकिन, इसी भाजपा के दबाव में उन्हें एक दिन मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। दरअसल, 1999 में राजद की सरकार में मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सम्राट चौधरी को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था। उस वक्त भाजपा ने गलत जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव जीतने और मंत्री बनने का आरोप लगाया था। भाजपा के दबाव में सम्राट को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सम्राट के पिता सकुनी चौधरी एक जमाने में बिहार कांग्रेस के बड़े नेता थे। मुंगेर की तारापुर सीट लगातार सात बार बिहार विधानसभा के लिए चुने गए थे। बाद में वे कांग्रेस से इस्तीफा देकर राजद में शामिल हो गए थे। सम्राट की मां पार्वती देवी भी राजद के टिकट पर तारापुर से विधायक रही हैं। 

झारखंड भाजपा में भी सुगबुगाहट तेज

प्रदेश अध्यक्ष के पद को लेकर झारखंड भाजपा में भी सेटिंग-गेटिंग शुरू हो गई है। इस पद के लिए कई दावेदार हैं। लेकिन, इनमें से जो चार नाम सामने आए हैं, उनमें से एक राज्यसभा सांसद हैं और झारखंड की ओबीसी राजनीति में प्रभावी मानी जानेवाली तेली वैश्य समाज से संबंध रखते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास के करीबी माने जाते हैं। दूसरे दावेदार लोकसभा सांसद हैं। झारखंड की राजनीति में खासा प्रभाव रखनेवाली कुर्मी महतो समाज के हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के करीबी माने जाते हैं। जबकि, अन्य दो दावेदार लोकसभा के सदस्य और प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। भूमिहार और ब्रह्मण समाज से आते हैं। इसलिए, ज्यादा संभावना है कि पार्टी जातीय समीकरण और आधार को देखते हुए ओबीसी समाज से किसी को अध्यक्ष बनाए। यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए राज्य में गुटबाजी न बढ़े, इसलिए प्रदेश अध्यक्ष के पद पर किसी को नियुक्त करने से पहले अर्जुन मुंडा, रघुवर दास और बाबूलाल मरांडी से राय-विचार जरूर करेगी।

BJP handed over command to Samrat in Bihar, rumblings intensify in Jharkhand




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