Rohtak (Haryana) : हरियाणा के औद्योगिक शहर रोहतक में बुधवार (1 मार्च) को बिहार के दो मजदूरों पर बदमाशों ने चाकू से हमला कर दिया। हमले में एक मजदूर की मौत हो गई। दूसरा घायल है। घटना सुबह 6 से साढ़े बजे के बीच की बताई जा रही है। प्रथम दृष्टया मामला लूटपाट का बताया जा रहा है। हालांकि, हरियाणा पुलिस अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। जानकारी के अनुसार, बिहार के सीवान जिले के नबोगंज गांव के रहनेवाले रंजीत और गोपालगंज जिले के मोहित उर्फ अनुज रोहतक की एक फैक्ट्री में काम करते थे। लेकिन, कुछ दिन पहले दोनों ने हिसार बाइपास पर स्थित दूसरी फैक्ट्री में ज्वाइन कर लिया था। होली की छुट्टी में दोनों दोस्तों ने अपने गांव जाने की योजना बनाई थी। योजना के मुताबिक, दोनों दोस्त मंगलवार (28 फरवरी) की रात को फैक्ट्री में काम करने के बाद बुधवार सुबह अपने गांव जाने के लिए घर से निकले थे। उनका दोस्त शुभम उन्हें रेलवे स्टेशन पहुंचाने के लिए आया हुआ था।
फैक्ट्री से निकलते ही पीछे लग गए बदमाश
सुबह में गांव जाने के लिए तीनों दोस्त जैसे ही फैक्ट्री से बाहर निकले, उनके पीछे चार बदमाश लग गए। फैक्ट्री से थोड़ा आगे पहुंचते ही, बदमाश इनसे मोबाइल फोन, रुपए और अन्य सामान छीनने लगे। तीनों ने उनका विरोध किया, तो बदमाशों ने चाकू निकाल ली और उन पर टूट पड़े। चाकू लगने से रंजीत गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद लूटपाट करके चारों बदमाश वहां से फरार हो गए। इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
पुलिस बोली- हमलावर पहले से इन्हें जानते थे
रोहतक (Rohtak) के DSP रविंदर सिंह (Ravindera Singh) ने बताया कि अनुज नाम के युवक की लिखित शिकायत पर रोहतक पुलिस (Rohtak Police) ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है। हमले में शामिल चार बदमाशों की पहचान कर ली गई है। मोबाइल लोकेशन की मदद उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। अब तक झगड़े का पता नहीं चल सका है। प्रथम दृष्टया यह बात सामने आ रही है कि ये लोग एक-दूसरे को पहले जानते थे।
हरियाणा-पंजाब में होली-छठ से पहले बढ़ जाते हैं प्रवासी मजदूरों पर हमले
हरियाणा और पंजाब में हर साल होली और छठ से पहले झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों पर हमले बढ़ जाते हैं। यहां के पुलिस थानों में दर्ज शिकायतों के अनुसार इन राज्यों के मजदूर होली-छठ की छुटि्टयों में सालभर के जमा रुपए-पैसे और परिजनों के लिए कपड़े व कीमती सामान खरीदकर अपने-अपने घर लौटते हैं। इसी कारण इनके साथ छीनछान की घटनाएं बढ़ जाती है। हर साल लोकल बदमाश लूटपाट के क्रम में कई मजदूरों की हत्या कर देते हैं। लेकिन, स्थानीय पुलिस प्रवासी मजदूर का मामला होने के कारण जांच-पड़ताल करने और बदमाशों को सजा दिलाने में ज्यादा रुचि नहीं लेती है। ज्यादातर मृतक मजदूरों के परिजन शवों को गांव ले जाने के खर्च वहन करने में मजूबर होने के कारण दाह संस्कार करके अपने गांव लौट जाते हैं। इसके बाद पुलिस फाइल बंद कर देती है। यही कारण है कि यहां प्रवासी मजदूरों पर लगातार हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही है।
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