बिहार के सीएम का ट्वीट। |
Hindi speakers thrashed in Tamil Nadu : तमिलनाडु में आ रही खबर बेहद चौकानेवाली है। यहां के राजनीतिक दल डीएमके के नेताओं ने सत्ता पर काबिज होने के कुछ ही दिनों के अंदर तमिल समाज में हिंदी को लेकर ऐसी नफरत घोल दी है कि उसका दुष्परिणाम सामने आने लगा है। यहां बिहारी मजदूरों को सिर्फ इसलिए चुन-चुनकर मारा जा रहा है, क्योंकि वे हिंदी बोलते हैं। हालांकि, विवाद की शुरुआत का कारण मजदूरी को लेकर बताया जा रहा है, जिसे हिंदी विरोध की ओर मोड़ दिया गया है। दैनिक भास्कर (पटना व ऑनलाइन) में छपी खबर के अनुसार, कोयंबटूर में फंसे बिहार के जमुई जिले के अरमान नाम के एक युवक ने अपने घरवालों को फोन पर बताया है कि कुछ लोग यहां ऐला हिंदी पूछकर, हां कहने पर काट दे रहे हैं। जो लोग ट्रेन में बैठ रहे हैं, उन्हें भी नीचे उतारकर पूछा जा रहा है कि क्या तुम हिंदीभाषी हो? उसने बताया कि मेरे एक दोस्त ने मुझे बताया है कि बिहार के 12 लोगों को एक कमरे में बंद करके फांसी पर लटका दिया गया।
हिंदी बोलते ही चार उंगलियां काट दी
अरमान के मुताबिक कोयंबटूर में जहां वह फंसा हुआ है, वहां बिहार के करीब एक हजार से अधिक मजदूर हैं। यहां बुधवार (1 मार्च) को उसकी आंखों के सामने उसके एक दोस्त की चार उंगलियां सिर्फ इसलिए काट दी गई, क्योंकि उसने अपना परिचय हिंदी में दिया। वह दर्द से छटपटाता रहा, लेकिन उसकी मदद करने के बजाय उसे अपनी जान बचाकर वहां से भागना पड़ा। स्थानीय प्रशासन बचाने या कार्रवाई करने की जगह कह रहा है कि वे तुम्हें मार रहे हैं, तो तुम भी उन्हें मारो। हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते। अरमान ने वहां से जो वीडियो अपने घरवालों को भेजे हैं, वो बेहद चौकानेवाले हैं। इन वीडियो में दिख रहा है कि कैसे मजदूरों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा जा रहा है। घायल मजदूरों का इलाज नहीं कराया जा रहा है। मजदूरों ने प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री को वीडियो भेजकर मदद की गुहार लगाई है।
वीडियो-फोटो वायरल करने पर काटा जा रहा
तमिलनाडु में फंसे बिहार के ही सोनू नाम के एक अन्य मजदूर के अनुसार, शिवकट और तिरपुरा जिले के इंडस्ट्रियल एरिया स्थित फैक्ट्रियों में वैल्डिंग के काम करनेवाले ज्यादातर बिहार के मजदूर हैं। अब जो भी वीडियो और फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुए हैं, ज्यादातर यही के हैं। जिनमें नारियल काटनेवाले हथियार से लोगों को काटा जा रहा है। अब वीडियो-फोटो वायरल करनेवालों को ढूंढ़-ढूंढ़कर काटा जा रहा है। बिहार के लोग अपने-अपने घरों में कैद हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन कोई एक्शन नहीं ले रहा है।
बिहार के मुख्यमंत्री ने मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार (2 मार्च) को ट्वीट करके कहा कि मुझे अखबारों के माध्यम से तमिलनाडु में काम कर रहे बिहार के मजदूरों पर हो रहे हमले की जानकारी मिली है। मैंने बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को तमिलनाडु सरकार के अफसरों से बातकर वहां रह रहे बिहार के मजदूरों की सुरक्षा सनिश्चित करने का निर्देश दिया है। दूसरी ओर बिहार विधानसभा में विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने इस मुद्दे पर हाथों में तख्तियां लेकर दोषियों पर कार्रवाई और बिहारी मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
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