GA4-314340326 Atiq-Ashraf Murder: भाजपा नेताओं को भी थी घटना की आशंका, जानिए पूरा मामला

Atiq-Ashraf Murder: भाजपा नेताओं को भी थी घटना की आशंका, जानिए पूरा मामला

एक हत्यारे को दबोचे हुए पुलिस कर्मी।

Atiq-Ashraf Murder:  प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में जिस तरह जघन्य हत्या की गई, वह दिल दहलाने वाली घटना है। किसी ने कभी यह नहीं सोचा होगा कि मीडिया कैमरों के सामने इस तरह से दोनों पर हमला होगा। किसी को उन पर संदेह न हो, इसलिए तीनों हमलावर सन्नी सिंह, अरुण मौर्य उर्फ कालिया और लवलेश तिवारी भी मीडियाकर्मी बनकर वहां पहुंचे थे। जैसे ही अतीक और अशरफ मीडिया के सवालों का जवाब देना शुरू कर रहे थे, तभी उन पर गोलियां बरसा दी। दोनों की हत्या करने के बाद तीनों ने जय श्रीराम के नारे लगाए और अपने दोनों हाथ ऊपर उठा कर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। उनके पास से तीन रिवाल्वर, डमी कैमरा, माइक और प्रेस आईडी कार्ड मिले हैं।

सीएम योगी सुबह तीन बजे तक करते रहे मीटिंग 
घटना के बाद से उत्तर प्रदेश सरकार एक्शन में आ गई है। सीएम के आदेश पर 17 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस घटना पर सुबह तीन बजे तक हाई लेवल मीटिंग करते रहे। 

असद के वो आखिरी शब्द और चली गोलियां 

घटना उस समय हुई जब दोनों को अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए लाया गया था। अतीक और अशरफ पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इसी बीच हमलावरों ने मीडिया के कैमरों के सामने ही अतीक और अशरद को निशाना बनाया। मीडिया के सवाल पर अतीक ने कुछ बोला और अशरद ने कहा कि मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम...और इसके साथ ही फायरिंग शुरू हो गई। प्रयागराज के कमिश्नर रमित शर्मा ने कहा- हमलावर मीडियाकर्मी बन कर आए थे। तीन लोगों को पकड़ा गया है और उनसे पूछताछ जारी है। एक हमारे पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। अतीक अशरफ को मेडिकल के लिए लाया गया था, तभी ये घटना हो गई। घटना के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में 144 लगा दिया गया है।


पुलिस ने भी चलाई थी गोली

मौके पर मौजूद पत्रकार शिवकुमार के मुताबिक, हमले के बाद पुलिस ने भी गोली चलाई, लेकिन निशाना चूक गया। पुलिस की फायरिंग से पहले ही तीनों हमलावरों ने हाथ खड़े करके सरेंडर कर दिया। हमले के बाद सब अपनी जान बचाने में लग गए, वो नहीं देख पाए कि पुलिस ने कितनी गोलियां दागी। उन्होंने कहा कि गोलियों की आवाज सुनकर वो पीटीआई के रिपोर्टर को सीने से छिपकाकर जमीन पर लेट गए। पीटीआई के रिपोर्टर बच्चों के पिता हैं, इसलिए उनका बचना ज्यादा जरूरी है। वह खुद कुंवारे हैं, इसलिए उन्हें गोली लग भी जाती है तो कोई बात नहीं।

भाजपा नेताओं को थी घटना की आशंका! 

भाजपा नेताओं को पहले से घटना की आशंका थी, क्योंकि जिस दिन गुजरात के साबरमती जेल से अतीक अहमद को लेकर पुलिस प्रयागराज के चली थी, पुलिस काफिले में शामिल पत्रकार अरविंद ओझा ने एक ट्वीट किया था। उनके ट्वीट जवाब में भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने री ट्वीट किया था कि पत्रकारों को इस तरह अतीत की गाड़ी के पीछे नहीं चलना चाहिए। पत्रकार के वेश में कोई हमलावर भी हो सकता है....



यह भी पढ़ें: बिग ब्रेकिंग: कैमरों के सामने माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या


Atiq-Ashraf Murder: BJP leaders were also apprehensive of the incident, know the whole matter Prayagraj Uttar Pradesh 




Post a Comment

please do not enter any spam link in the comment box.

और नया पुराने