KANKE (Ranchi): बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) के सभी कैंटीन, छात्रावास मेस, अतिथि गृह में श्री अन्न (मिलेट्स) के उत्पादों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही खाद्य प्रदर्शनी, कृषि प्रदर्शनी सहित अन्य कार्यक्रमों में भी अब श्री अन्न (मिलेट्स) के उत्पादों को आवश्यक रूप से शामिल किया जायेगा। यह निर्णय वीसी डॉ ओंकार नाथ सिंह के द्वारा लिया गया है। इस संबंध में बीएयू प्रशासन के द्वारा सभी संबंधित पदाधिकारियों को आदेश भेज दिया गया है। आईसीएआर के सहायक महानिदेशक (शिक्षा योजना एवं गृह विज्ञान) ने ‘श्री अन्न’ के उपयोग को कृषि विश्वविद्यालयों में बढ़ावा देने के संबंध में एक पत्र भेजा था। दरअसल भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के राज्य मंत्री ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) के सभी संस्थानों तथा देश के कृषि विश्वविद्यालयों में ‘श्री अन्न’ के उपयोग को बढ़ावा देने का निर्देश महानिदेशक आईसीएआर को भेजी थी। इसी के बाद देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों में इसे लागू किया जा रहा है। विश्वभर में वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। प्राचीन समय से होता रहा है श्री अन्न का उपयोग: वीसी डॉ ओंकार नाथ सिंह ने बताया कि देश में मिलेट्स उत्पादों का सेवन प्राचीन समय से होता रहा है। 60 के दशक में देश की खाद्यान्न आवश्यकता की पूर्ति हेतु धान एवं गेहूं को बढ़ावा देने के कारण मिलेट्स उत्पाद भारतीयों की थाली से दूर होते चले गए। भारत दुनिया में आज भी मिलेट्स (मोटे अनाजों) का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
बताया कि यह पोषक तत्वों का बड़ा स्रोत है। केंद्र और राज्य कि सरकार दोनों के द्वारा श्री अन्न योजना को बढ़ावा दिया जा रहा है। कहा कि यह पोषण सुरक्षा का सस्ता और बेहतर विकल्प बन सकता है।
बीएयू के मेस व कैंटीन में होगा श्री अन्न उत्पादों का इस्तेमाल
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