GA4-314340326 PIB Fact check: सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ गलत खबरें फैलाना, अब आसान नहीं

PIB Fact check: सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ गलत खबरें फैलाना, अब आसान नहीं

 

मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दी नए कानून की जानकारी।
New Delhi: केंद्र सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इंटरनेट पर सरकार के खिलाफ गलत व भ्रामक खबरें फैलानेवालों की नकेल कसने की तैयारी कर ली है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गुरुवार को इससे संबंधित कानून को मंजूरी दे दी। नए नियम के मुताबिक, अब सोशल मीडिया (फेसबुक, ट्विटर, गूगल आदि) और वेबसाइट्स को खुद यह तय करना होगा कि ऐसे आर्टिकल्स या कोई अन्य सामग्री, जिन्हें PIB यानी प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने ‘फेक न्यूज’ घोषित किया हो, उन्हें तुरंत हटा लिए जाएं। ऐसी पोस्ट के लिए PIB संबंधित प्लेटफॉर्म्स को अलर्ट करेगा। नए नियम के तहत PIB फेसबुक, ट्विटर, गूगल को केंद्र सरकार के खिलाफ चल रहीं झूठी, गलत या भ्रामक खबरों का फैक्ट चेक करके उन्हें हटाने को बोल सकता है। ऐसा नहीं करने पर उन पर कार्रवाई हो सकती है। सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश एवं डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम 2023 के जरिए आईटी नियम 2021 में यह बदलाव किया गया है। मंत्रालय की ओर से 6 अप्रैल गुरुवार की शाम को इन परिवर्तनों को अधिसूचित भी कर दिया गया है। 

PIB की फैक्ट चेक टीम करेगी जांच 

जानकारी के अनुसार, PIB की फैक्ट चेक टीम संबंधित सरकारी विभागों से संपर्क करेगी, ताकि उनका विचार लिया जा सके कि समाचार गलत है या नहीं। विभाग से मिली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई का निर्णय लेगी। अगर कंपनियां ‘पीआईबी फैक्ट-चेक टीम’ के आदेश का पालन करने से इनकार करेंगी, तो वे अपनी ‘सेफ हार्बर इम्यूनिटी’ खो देंगी, जो उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर यूजर्स द्वारा पोस्ट की गई किसी भी फ्रॉड या झूठे कॉन्टेंट के खिलाफ सुरक्षा की गारंटी देता है। 

नए कानून का उद्देश्य मीडिया को सेंसर करना नहीं 

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मीडिया को बताया कि ने नियम का मकसद मीडिया को सेंसर करना नहीं है, बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी नकली या गुमराह करनेवाली जानकारी के प्रसार को रोकना है। जनता को फेक न्यूज से बचाना है। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, PIB में फिलहाल कोई फैक्ट चेकिंग यूनिट नहीं है और नए नियमों के अनुसार इसे बनाने की जरूरत होगी। राजीव चंद्रशेखर के अनुसार, PIB फैक्ट चेक यूनिट की जवाबदेही भी तय की जाएगी और इसके कामकाज की प्रक्रिया तैयार होगी। उन्होंने कहा कि गलत सूचना से निपटने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से यह एक स्पष्ट और ईमानदार प्रयास है।  

जनवरी में एडिटर्स गिल्ड ने किया था विरोध 

उन्होंने कहा कि मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि यह पहले से कुछ ज्यादा अलग नहीं होगा, जहां पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट सरकारी विभाग प्रकार का संगठन होगा। हम निश्चित रूप से एक विश्वसनीय तरीके से तथ्यों की जांच करना चाहते हैं और यह न केवल सरकार के लिए बल्कि उस इंटरमीडियरी के लिए भी फायदेमंद है, जो उस विशेष फैक्ट चेक पर निर्भर होने वाला है। उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी में जब इस संबंध में प्रस्ताव आया था तो, एडिटर्स गिल्ड ने इसका विरोध किया था। एडिटर्स गिल्ड का कहना था कि फेक न्यूज को निर्धारित करने का फैसला सरकार के हाथों में नहीं हो सकता है, अगर ऐसा होगा तो इसका परिणाम प्रेस की आजादी को खत्म करना होगा।

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