![]() |
मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दी नए कानून की जानकारी। |
PIB की फैक्ट चेक टीम करेगी जांच
जानकारी के अनुसार, PIB की फैक्ट चेक टीम संबंधित सरकारी विभागों से संपर्क करेगी, ताकि उनका विचार लिया जा सके कि समाचार गलत है या नहीं। विभाग से मिली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई का निर्णय लेगी। अगर कंपनियां ‘पीआईबी फैक्ट-चेक टीम’ के आदेश का पालन करने से इनकार करेंगी, तो वे अपनी ‘सेफ हार्बर इम्यूनिटी’ खो देंगी, जो उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर यूजर्स द्वारा पोस्ट की गई किसी भी फ्रॉड या झूठे कॉन्टेंट के खिलाफ सुरक्षा की गारंटी देता है।
नए कानून का उद्देश्य मीडिया को सेंसर करना नहीं
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मीडिया को बताया कि ने नियम का मकसद मीडिया को सेंसर करना नहीं है, बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी नकली या गुमराह करनेवाली जानकारी के प्रसार को रोकना है। जनता को फेक न्यूज से बचाना है। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, PIB में फिलहाल कोई फैक्ट चेकिंग यूनिट नहीं है और नए नियमों के अनुसार इसे बनाने की जरूरत होगी। राजीव चंद्रशेखर के अनुसार, PIB फैक्ट चेक यूनिट की जवाबदेही भी तय की जाएगी और इसके कामकाज की प्रक्रिया तैयार होगी। उन्होंने कहा कि गलत सूचना से निपटने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से यह एक स्पष्ट और ईमानदार प्रयास है।
जनवरी में एडिटर्स गिल्ड ने किया था विरोध
उन्होंने कहा कि मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि यह पहले से कुछ ज्यादा अलग नहीं होगा, जहां पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट सरकारी विभाग प्रकार का संगठन होगा। हम निश्चित रूप से एक विश्वसनीय तरीके से तथ्यों की जांच करना चाहते हैं और यह न केवल सरकार के लिए बल्कि उस इंटरमीडियरी के लिए भी फायदेमंद है, जो उस विशेष फैक्ट चेक पर निर्भर होने वाला है। उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी में जब इस संबंध में प्रस्ताव आया था तो, एडिटर्स गिल्ड ने इसका विरोध किया था। एडिटर्स गिल्ड का कहना था कि फेक न्यूज को निर्धारित करने का फैसला सरकार के हाथों में नहीं हो सकता है, अगर ऐसा होगा तो इसका परिणाम प्रेस की आजादी को खत्म करना होगा।
IT ministry pib fact check unit online platforms like-facebook twitter google must take down pib flagged fake news / New Delhi/ National News
एक टिप्पणी भेजें
please do not enter any spam link in the comment box.