रोडेवाला गुरुद्वारे के बाहर ग्रंथी के वेश में अमृतलाल। |
पंजाब पुलिस ने क्या कहा
चंडीगढ़ के IGP सुखचैन सिंह गिल ने कहा, हमारे पास खास जानकारी थी, जिसमें हमको पता था कि वह रोडे गांव के गुरुद्वारे में मौजूद है। हमने गुरुद्वारा साहिब की मर्यादा को रखते हुए उसको गिरफ़्तार किया। उसको गिरफ़्तार करने के बाद उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल के लिए रवाना कर दिया गया है। अमृतपाल सिंह के ख़िलाफ़ NSA के तहत वारंट जारी हुए थे, जिसके बाद उसकी गिरफ़्तारी NSA के अधीन हुई है। इस पूरे ऑपरेशन के दौरान पंजाब के लोगों ने शांति, क़ानून व्यवस्था बनाई रखी, जिसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं। हमने ऑपरेशन चलाकर सुबह 6:45 पर गिरफ़्तार किया था: पंजाब में क़ानून-व्यवस्था, सांप्रदायिक सौहार्द्र बना हुआ है और किसी भी तरह की अप्रिय घटना की कोई अशंका नहीं है।कदम-कदम पर धर्म को बनाया ढाल
अमृतपाल सिंह ने कदम-कदम पर धर्म को ढाल की तरह इस्तेमाल किया। जब वह फरार था, तब अपना हुलिया स्टाइलिश लड़के का बना लिया था। वह 18 मार्च 2023 से फरार चल रहा था। उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया है। अमृतपाल पर कई केस दर्ज हैं। जब तक वह भागा नहीं था, रोज सिख धर्म की दुहाई देता था और सरकार को चुनौती देता था। जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को दिल्ली बुलाकर फटकार लगाई, तब पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए कार्रवाई तेज की। इस दौरान बीच-बीच में उसने वीडियो डाले, जिसमें वह धर्म की आड़ लेता रहा। पुलिस से बचने के लिए अमृतपाल ने धर्मा को खूंटी से टांग दिया। पगड़ी वगैरह छोड़ दिए, जीन्स-जैकेट पहनकर दिल्ली की सड़कों पर घूमता नजर आया। मौकापरस्त अमृतपाल के लिए अब अपनी जान बचाना प्राथमिकता हो गई, जिस 'क्रांति' की अलग जगाने निकला था, वह कहीं पीछे छूट गई।
पत्नी पर दबाव पड़ा तब आया सामने
अमृतपाल सिंह ने इसी साल फरवरी में किरणदीप कौर से शादी की थी। शनिवार को अमृतसर एयरपोर्ट पर किरणदीप को लंदन की फ्लाइट में बैठने से पुलिस ने रोक दिया गया था। अमृतपाल सिंह ने अपनी शादी को 'रिवर्स माइग्रेशन' का एक उदाहरण बताया था। दोनों इंस्टाग्राम के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में आए। किरणदीप कौर से इसी महीने पुलिस ने पूछताछ भी की थी।
रोडेवाला गुरुद्वारे के ग्रंथी से जानिए, अमृतपाल ने क्यों किया ऐसा
पंजाब के रोडेवाला गुरुद्वारे के ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी जसबीर सिंह रोडे ने पूरा घटनाक्रम मीडिया को समझाया। उन्होंने बताया कि 'असलियत यह है कि अमृतलाल ने अपनी मर्जी से गिरफ्तारी दी है। सुबह ठीक 7 बजे उसने गिरफ्तारी दी। गुरुद्वारा संत खालसा के संत बाबा जरनैल सिंह भिंडरावाले के जन्मस्थान पर गिरफ्तारी दी।' अमृतपाल ने जहां गिरफ्तारी दी, वह गुरुद्वारा भिंडरावाले की याद में बना है। यहीं पर पिछले साल अमृतपाल ने 'दस्तारबंदी' के साथ वारिस पंजाब दे की कमान संभाली थी। 29 सितंबर 2022 को यहीं से अमृतपाल सिंह ने ऐलान किया कि सिख अब तक गुलाम हैं। उस दिन के बाद अमृतपाल यहां बार-बार आया। अमृतलाल ने ऐसा करके अपने समर्थकों को यह संदेश देना चाहता है कि वह भगोड़ा नहीं है। वह सिखों की सहानुभूति बटोरना चाहता है।
एक टिप्पणी भेजें
please do not enter any spam link in the comment box.