GA4-314340326 स्टूडेंट्स की मानसिकता में बदलाव लाने में सीआईपी की भूमिका अहम : डॉ. सिन्हा

स्टूडेंट्स की मानसिकता में बदलाव लाने में सीआईपी की भूमिका अहम : डॉ. सिन्हा

समारोह में सीआईपी बुलेटिन का विमोचन करते अतिथि।

  KANKE (Ranchi)। केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान (सीआईपी) की भूमिका स्टूडेंट्स और युवाओं की वर्तमान मानसिकता में बदलाव लाने में काफी अहम है। यह बात रांची यूनिवर्सिटी के वीसी डॉक्टर अजीत कुमार सिन्हा ने बुधवार को कही। वे सीआईपी के 106 वां स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद स्टूडेंट्स परीक्षा देने से कतरा रहे हैं। स्टूडेंट्स औसत अंक देने का दबाव भी बनाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है मानों मौजूदा समय में स्टूडेंट्स व्हाट्सएप,फेसबुक,गूगल रूपी यूनिवर्सिटी में शामिल हो गए हैं। उन्होंने युवाओं और स्टूडेंट्स के बीच बाहरी गतिविधियों की कमी तथा पुस्तक पढ़ने की आदत घटने को काफी घातक बताया। कहा कि स्टूडेंट्स की ऐसी मानसिकता में आवश्यक बदलाव लाने में सीआईपी के मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल्स की भूमिका काफी अहम साबित होगी। रांची यूनिवर्सिटी जल्द ही इसमें सीआईपी की सहायता लेगा ताकि स्टूडेंट्स को भविष्य के लिए सही ढंग से तैयार किया जा सके।

 स्ट्रांग मेंटल हेल्थ सपोर्ट सिस्टम की है जरूरत 

 विशिष्ट अतिथि आईआईएम रांची के डायरेक्टर डॉ दीपक श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर स्ट्रांग मेंटल हेल्थ सपोर्ट सिस्टम की जरूरत है। कहा कि भारत में इसके लिए शिक्षा प्रणाली, पॉलिसी मेकर्स और मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल्स को साथ -साथ कार्य करने की आवश्यकता है। कहा कि इसी के मद्देनजर आईआईएम ने सीआईपी के साथ एक एमओयू भी किया है। इसके तहत ह्यूमन कनेक्ट और हैप्पीनेस सेंटर बनाया गया है। इसमें सीआईपी के विशेषज्ञ सहायता कर रहे हैं। उन्होंने आगे सीआईपी के साथ एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम बनाने की इच्छा भी जताई। 

 शुरू होगा एमएससी साइकेट्रिक नर्सिंग कोर्स 

 इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ बी दास ने कहा कि आगामी सत्र से सीआईपी में एमएससी साइकेट्रिक नर्सिंग कोर्स प्रारंभ किया जाएगा। बताया कि जल्द ही संस्थान को नया ओपीडी बिल्डिंग तथा 500 बेड का अत्याधुनिक सुविधा युक्त हॉस्पिटल भी मिल जाएगा। इसमें न्यूरोलॉजी और न्यूरो सर्जरी जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी जो झारखंड सहित आसपास के राज्यों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने चिकित्सा, शिक्षा और अनुसंधान के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं को और आगे बढ़ाने तथा संस्थान के पुराने गौरव को पुनः स्थापित करने की दिशा में कार्य करने की बात भी कही। इस मौके पर सीआईपी बुलेटिन तथा न्यूज़लेटर का विमोचन भी अतिथियों के द्वारा किया गया। प्रशासकीय पदाधिकारी डॉ अविनाश शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। 

 इनको किया गया सम्मानित

 इस अवसर पर बेस्ट वर्कर्स और स्टूडेंट्स आदि को सम्मानित किया गया। बेस्ट सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर अखिल, जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर सौजन्या, बेस्ट नर्सिंग ऑफिसर ममता कुजुर, डीपीएन स्टूडेंट कंचन कुमारी, ऑफिस स्टॉफ सन्नी सागर, मेल ओटी स्टॉफ इश्तियाक मोहम्मद खान रौनक, फीमेल ओटी स्टॉफ सुनीता कुमारी, मेडिकल लाइब्रेरियन ज्योति त्रिवेदी, वार्ड अटेंडेंट नबी अख्तर, फीमेल वार्ड अटेंडेंट महजबीन बेगम, सफाई कर्मी राजू मुंडा, महिला सफाई कर्मी रीता देवी, कूक तबरेज अंसारी, माली परमेश्वर राम, बेस्ट वार्ड ट्यूक आदि को पुरस्कृत और सम्मानित किया गया। 

 सीएमई का हुआ आयोजन 

इस मौके पर ग्लोबलाइजेशन एंड मेंटल हेल्थ: मार्चिंग थ्रू जी 20 लीडरशिप ईयर विषय पर एक सीएमई का आयोजन भी किया गया। इसमें मुख्य वक्ता डॉ संजय कुमार मुंडा ने वैश्वीकरण के युग में हाशिए पर रहने वाले समुदाय के मानसिक स्वास्थ्य विषय पर कहा कि यह उनको काफी प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि धार्मिक, आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक सहित विभिन्न कारणों से वंचित लोग के मन मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे उनके आत्मविश्वास में कमी झलकती है तथा मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वहीं डॉक्टर निखिल नायर ने समलैंगिक लोगों के मानसिक स्वास्थ्य: वैश्विक से स्थानीय तथा मालविका पारख ने वैश्विक स्तर पर मां और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के संदर्भ में भारतीय तैयारी पर बातें रखीं। इस अवसर पर प्रोफेसर (डॉक्टर) निशांत गोयल, डॉक्टर दीपांजन भट्टाचार्यजी, डॉ अरविंद कुमार, डॉ आलोक कुमार, डॉ. सुरजीत प्रसाद, डॉ. वरुण मेहता, डॉ. रोशन खनाडे सहित अन्य पदाधिकारी, 10वें तथा 25वें बैच के पूर्ववर्ती छात्र आदि सम्मिलित हुए।

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