GA4-314340326 कड़िया मुण्डा ने कहा 2014 के बाद से भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की प्रक्रिया हुआ शुरू

कड़िया मुण्डा ने कहा 2014 के बाद से भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की प्रक्रिया हुआ शुरू

सेवा भारती जोन्हा में अपने विचार रखते कड़िया मुण्डा
Angara (Ranchi) इंटरनेशनल सेंटर आर कल्चरल स्टडीज एवं सेवा भारती झारखंड के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को जोन्हा के गुड़ीडीह स्थित सेवा धाम प्रांगण में सी-20 चौपाल–सामाजिक समावेशन और सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष पद्मविभूषण कड़िया मुंडा व संचालन कैप्टन देवाशीष मिश्र ने की। मुख्य अतिथि पदमश्री अशोक भगत, विशिष्ट अतिथि जशपुरिया ट्रस्ट के संस्थापक जैलेन्द्र कुमार, एलआर सैनी(सलाहकार भारतीय शिक्षा बोर्ड) रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी भवेशानंद, जिला परिषद सदस्य राजेन्द्र शाही मुण्डा थे। इस अवसर पर कड़िया मुण्डा ने कहा कि 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदीजी की सरकार स्थापित होने के साथ ही भारत विकसित राष्ट्र बनने के प्रयासों में जुट गया। विगत नौ वर्षों में राष्ट्र के विकास में कई आयाम स्थापित किया गया है। कहा कि समावेशी विकास, समावेशी वित्त और समानता आज की सबसे बड़ी आवश्यकताएं है। 2014 से भारत में समावेशी विकास गतिशील हुई है। डीबीटी के माध्यम से लाभुकों तक सीधा राशि पहुंच रहा है। नरेंद्र मोदीजी के नेतृत्व में बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ व स्वच्छ भारत अभियान सफलता पूर्वक चला। वोकल फॉर लोकल के तहत भारत में निर्माण कार्यों में तेजी आई तथा विदेशी निर्भरता कम हुई। कोरोना संकट में भारत ने स्वयं वैक्सीन बनाया व पूरे विश्व में पहुंचाया। आज वंदे भारत ट्रेन का निर्माण स्वदेशी रूप में हुआ। 

                                 जैलेन्द्र कुमार ने कहा कि मनुष्य की हर सफलता का मूल इच्छाशक्ति

जैलेन्द्र कुमार अपने विचार रखते
जशपुरिया ट्रस्ट के अध्यक्ष जैलेन्द्र कुमार ने कहा कि कोई भी संघर्ष मानव के आत्मबल से बड़ा नहीं है, इच्छा शक्ति से हर काम में सफलता पायी जा सकती है। वक्ताओं ने कहा कि सामाजिक एवं आर्थिक समानता लाना भारत सरकार का प्रमुख लक्ष्य है और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’दुनिया में सभी के लिए समान विकास को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता का संकेत देता है। उन्होंने कहा कि “वसुधैव कुटुम्बकम” भारत की जी20 अध्यक्षता के एक शक्तिशाली संदेश का प्रतीक है। इस चौपाल में सामाजिक क्षेत्र में काम कर रहे अग्रणी लोगों और संस्थाओं के साथ सामाजिक समावेशन और सेवा पर सार्थक चर्चा हुई। लोगों ने अपने अनुभव व संघर्ष तथा सफलता की कहानी बताई। कार्यक्रम को पूर्व आईपीएस निर्मला कौर, डा. रंजना, जैविक किसान रमेश बेदिया, शिवानी प्रिया, चंद्रमोहन बेदिया, कृषि वैज्ञानिक डा. अजीत सिंह, सहित अन्य ने संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन सेवा भारती के ट्रस्टी गुरूशरण प्रसाद व विषय प्रवेश रविशंकर ने किया। मौके पर डा. रिझू नायक, अजय महतो, उमेश कुमार बड़ाईक, जितेंद्र कुमार, राधेश्याम अग्रवाल, देवाशीष, जयश्री, लालचंद बेदिया सहित अन्य उपस्थित थे।      

कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य लोग
इंटरनेशनल सेंटर फॉर कल्चरल स्टडीज के शोधकर्ता रविशंकर ने कहा कि प्राचीन समुदाय, कला-विज्ञान, जनजाति समाज के संरक्षक संवर्धन के लिए यह संस्था प्रयत्नशील है। यह चौपाल ज्ञान साझा करने के लिए प्रासंगिक मंच है। इस चौपाल में आए महत्वपूर्ण बिंदुओं को पूरे विश्व के मंच पर ले जाया जाएगा। आज सेवा के नाम पर अलगाववाद, मतांतरण जैसे नकारात्मक विमर्श खड़ा किया जा रहा है। हमें अपनी सभ्यता संस्कृति, देशज हुनर, कला- विज्ञान, युवा शक्ति, महिला सशक्तिकरण के सकारात्मक विमर्श को देश के समक्ष लाना होगा।     

पूर्व पुलिस महानिदेशक निर्मला कौर ने कहा कि आज हमारे देश में बाहरी संस्थाओं, पंथों के लोग भारतीय संस्कृति पर पर कर रहे कुठाराघात

शामिल गणमान्य लोग
पूर्व पुलिस महानिदेशक निर्मला कौर ने कहा कि आज हमारे देश में बाहरी संस्थाओं, पंथों के लोग भारतीय संस्कृति पर कुठाराघात कर रहे है। हमारे गांव के भोले-भाले लोगों पर आधुनिक पंथ के संदेश थोपे जा रहे है। दरअसल जीवन निर्माण के लिए लिए हमारी सनातनी संस्कृति ही काफी है। मुख्य अतिथि पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि सरकार के आसरे में ना रहकर समाज के विकास में समाज का समावेशी योगदान होना चाहिए। ग्राम के साधन संसाधनों का संवर्धन-संरक्षण कर ही गांव का विकास करना होगा। मौके पर रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी भवेशानंद महाराज ने कहा कि हमें किसी न किसी रूप में दान करना चाहिए। धन है तो धन का दान करें, ज्ञान है तो ज्ञान बांटे, अथवा हमें श्रमदान अवश्य करना चाहिए। चौपाल के विशिष्ट अतिथि एलआर सैनी, शिक्षाविद व भारतीय शिक्षा बोर्ड के सलाहकार ने कहा कि हर नागरिक को देश के विकास में ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के मध्य शिक्षा-स्वास्थ्य पहुंचाने में समाज के बुद्धिजीवी वर्गों को आगे आना होगा।

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