GA4-314340326 एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड और रिम्स के बीच एमओयू, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए मिलकर करेंगे अनुसंधान

एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड और रिम्स के बीच एमओयू, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए मिलकर करेंगे अनुसंधान

एमओयू पर हुए साइन को दिखाते अधिकारी।
 Angara (Ranchi)  एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड और राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) रांची के बीच शुक्रवार को एक एमयोयू साइन किया गया। एमयोयू में डॉ. अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो. वाइस चांसलर एमिटी विवि व रिम्स निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद ने साइन किया। इस मौके पर डॉ. निशांत मणि, निदेशक आईक्यूएसी, प्रभाकर त्रिपाठी, रजिस्ट्रार एमिटी विवि, डॉ. अजय कुमार बाखला और रिम्स के डॉ. त्रिपाठी उपस्थित थे। एमिटी विवि व रिम्स के बीच यह एमयोयू सामान्य सीमाओं से परे जाने की सामूहिक प्रतिबद्धता पर आधारित है, जिसके दूरगामी प्रभाव, समाज और लोगों के लिए हो सकते है। इस मौके पर डॉ. अशोक कुमार श्रीवास्तव ने कहा, लोगों के बेहतर स्वास्थ्य को लेकर मिलकर करेंगे अनुसंधान। 

 डॉ. श्रीवास्तव बोले-लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मिलकर करेंगे अनुसंधान 

एमओयू साइन करते
डॉ. अशोक कुमार श्रीवास्तव ने कहा, यह न केवल क्षेत्र और राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए फायदेमंद होगा। कहा कि आज हम जिस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर रहे है, वह मानव जाति की उस रिश्ते की शुरुआत है, जिसे हम एक लंबे रिश्ते के रूप में मानते है, जिसमें हम बेहतरी के लिए सहकारी शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से एक-दूसरे से सीखेंगे। इस एमओयू का उद्देश्य एक सहयोगात्मक शिक्षा कार्यक्रम, क्षमता निर्माण और संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं को बढ़ावा देना है। वर्तमान परिदृश्य में, सहयोग, सभी आयामों में संस्थानों के आपसी विकास के लिए संभावित मार्ग है। इसमें क्षमता निर्माण और आजीवन सीखने, अकादमिक उत्कृष्टता और इसके विकास, अत्याधुनिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देना और झारखंड राज्य की शैक्षणिक आवश्यकता को पूरा करना शामिल है। एमिटी विवि व रिम्स के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है। एमओयू के अनुसार, एमिटी विश्वविद्यालय, झारखंड और रिम्स सहयोग के क्षेत्रों में अकादमिक और अनुसंधान बातचीत को बढ़ावा देने के लिए अपनी संबंधित महत्वपूर्ण शोध और अनुसंधान सुविधाओं को साझा करने के लिए प्रावधान करेंगे। एमिटी विवि व रिम्स के पास उपलब्ध अनुसंधान उपकरण, सुविधाएं, संकाय और शोधार्थियों को उपलब्ध कराया जाएगा। शैक्षणिक, अनुसंधान और प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए छात्रों का आदान-प्रदान होगा। 

एआईसीपी के स्टूडेंट्स का रिम्स के डॉक्टर करेंगे मार्गदर्शन 

एमिटी विवि की घटक इकाई एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ क्लिनिकल साइकोलॉजी (एआईसीपी) के छात्र रिम्स के मनोचिकित्सक और क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट के मार्गदर्शन में काम करेंगे और मामलों के मूल्यांकन और उपचार में मदद करेंगे। छात्रों को अपने कार्यक्रम को पूरा करने के लिए सभी उपचारों और बुनियादी ढांचे से अवगत कराया जाएगा। नैदानिक पृष्ठभूमि और परीक्षण में विशेषज्ञता रखने वाले एमिटी विवि के एआईसीपी के संकाय सदस्य छात्रों को आवश्यक मार्गदर्शन देने और परीक्षण, विश्लेषण और रोगियों के लिए चिकित्सा का उपयोग करने में रिम्स की मदद करेंगे। रिम्स के मनोचिकित्सक / नैदानिक मनोवैज्ञानिक छात्रों का मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण करेंगे। रिम्स और एमिटी विवि सहयोगी परियोजनाओं के लिए संयुक्त रूप से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फंडिंग एजेंसियों को आवेदन करेंगे। रिम्स और एमिटी विश्वविद्यालय, झारखंड संयुक्त रूप से पारस्परिक हित के विषयों पर वैज्ञानिक कार्यशालाओं, संगोष्ठियों, प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों/सम्मेलनों का आयोजन करेंगे। एमिटी नैदानिक मनोविज्ञान संस्थान के छात्र अनुसंधान परियोजनाओं के विकास में रिम्स के साथ सहयोग करेंगे और तदनुसार अनुसंधान परियोजनाओं को संचालित करने के लिए प्रयोगशाला आदि की सुविधाओं का उपयोग करेंगे। इस तरह के समझौता ज्ञापनों का व्यापक परिप्रेक्ष्य होगा। 

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