GA4-314340326 Silli: बैजनाथ की मौत के जिम्मेदार ट्रैक्टर चालकों पर क्यों न हो कार्रवाई?

Silli: बैजनाथ की मौत के जिम्मेदार ट्रैक्टर चालकों पर क्यों न हो कार्रवाई?

दुर्घटना के बाद सड़क पर बैजनाथ महतो का शव।

 Silli (Ranchi): सिल्ली-बंता मेन रोड पर टुटकी नवाडीह के पास मंगलवार देर शाम साढ़े 7 बजे हुई सड़क दुर्घटना में 25 साल के युवक बैजनाथ महतो की मौत हो गई। वह सिल्ली थाना क्षेत्र के बासुडीह का रहनेवाला था। दुर्घटना कैसे हुई, इस पर दो राय है। सिल्ली थानाप्रभारी आकाशदीप कह रहे हैं कि बैजनाथ अनबैलेंस होकर खुद ट्रैक्टर से टकरा गया। अगर ट्रैक्टर धक्का मारता तो बाइक को ज्यादा नुक्सान पहुंचा होता। जबकि, बाइक ठीक-ठाक है। दूसरी ओर, बैजनाथ के परिजनों ने सिल्ली थाने में लिखित शिकायत की है कि ट्रैक्टर ने बैजनाथ की बाइक को धक्का मारा, जिससे उसकी मौत हुई है।

कार्रवाई नहीं होने से परिजन दुखी

बैजनाथ के चाचा ज्योति महतो ने बताया कि मंगलवार को बैजनाथ महतो अपने दोस्त के साथ रांची से बाइक से अपने घर बासुडीह आ रहा था। टुटकी नवाडीह के पास राढू नदी के झाबरी बालू घाट से अवैध रूप से बालू लेकर सिल्ली की ओर आ रहे एक ट्रैक्टर चालक सामने से आ दूसरे खाली ट्रैक्टर के चालक से बात करने के लिए अचानक रुक गया। दोनों ट्रैक्टर अगल-बगल होने से रोड ब्लॉक हो गया। पीछे  आ रहे बैजनाथ ने ट्रैक्टर के रुक जाने से अचानक ब्रेक लगाया, तो उसकी बाइक असंतुलित हो गई, जिससे यह हादसा हुआ। रात होने के कारण अंधेरे का फायदा उठाकर ट्रैक्टर चालक तेज रफ्तार से फरार हो गए। इसलिए इस हादसे के लिए पूरी तरह ट्रैक्टर चालक जिम्मेदार हैं। क्योंकि, दोनों बीच सड़क पर लापरवाही से ट्रैक्टर लगाकर आपस में बात कर रहे थे। उन्हें इस बात का एहसास नहीं था कि पीछे से बाइक आ रही है। लेकिन, घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस ने ट्रेक्टर चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। इससे परिजन दुखी हैं। बैजनाथ अपने घर का इकलौता संतान था।

रोक के बावजूद हो रहा बालू का खनन 

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 9 जून से ही देशभर में नदियों से बालू उत्खनन पर रोक लगा दिया है। राज्य में अभी बालू घाटों की नीलामी नहीं हुई है। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी अवैध बालू उत्खनन पर तत्काल रोक लगाने का अफसरों को दे चुके हैं, इसके बावजूद बालू माफिया ट्रैक्टर के जरिए नदी से बालू अवैध रूप से निकाल कर एक जगह जमा कर रहे हैं और वहां से हाइवा में लोड करके रांची भेज रहे हैं। रांची में एक हाइवा बालू की कीमत 50 से 55 हजार रुपए मिल रही है। ट्रैक्टर चालक ज्यादा से ज्यादा ट्रिप करने के लिए सिल्ली-बंता रोड सहित अन्य सड़कों पर तेज रफ्तार में ट्रैक्टर चलाते रहते हैं। इस कारण आय दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसके बावजूद प्रशासन बालू माफिया पर नकेल नहीं कस रहा है। लोग कहते हैं कि बालू के खेल में नीचे से ऊपर तक सभी मिले हुए हैं। यहां तक कि स्थानीय स्तर पर राजनीतिक दलों के नेताओं को भी इस अवैध धंधे में हिस्सा मिलता है।

Silli: Why shouldn't action be taken against the tractor drivers responsible for Baijnath's death?


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