सर्दी-खांसी से शुरू बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 में बदली, इलाज में सबसे बड़ी बाधा पैसे की
Khunti (Jharkhand): राजवीर की उम्र महज छह महीने है, लेकिन वह एक ऐसी जानलेवा बीमारी की चपेट में आ गया है कि उसका पूरा शरीर शिथिल पर गया है। डॉक्टरों ने इस बीमारी का नाम स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 (Spinal muscular atrophy type-1) बताया है। डॉक्टरों के मुताबिक, राजवीर को बचाने के लिए उसे जोलजेस्मा इंजेक्शन (Zolgesma Injection) लगाना पड़ेगा। लेकिन, यह इंजेक्शन इतना महंगा है कि वह हर किसी के वश में नहीं है। डॉक्टरों के मुताबिक, यह इंजेक्शन केवल अमेरिका में ही मिलता है और इसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है, वहां से इसे भारत लाने में टैक्स आदि लेकर करीब छह करोड़ रुपए और खर्च होंगे यानि एक इंजेक्शन की कीमत करीब 22 करोड़ रुपए पड़ेगी। मासूम राजवीर के पिता राहुल प्रसाद एक प्राइवेट कंपनी में मार्केटिंग का काम करते हैं। खूंटी के रहनेवाले राहुल को बेटे के इलाज की चिंता खाई जा रही है। राजवीर पिछले कई दिनों से रांची के रानी चिल्ड्रन हॉस्पिटल (Rani children Hospital Ranchi) में भर्ती है। लगातार उसकी तबीयत बिगड़ती जा रही है। डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया है। राहुल ने बताया कि राजवीर का जन्म इस साल 10 फरवरी को सीजेरियन हुआ था। जन्म के समय उसका वजन साढ़े चार किलोग्राम था और वह पूरी तरह स्वस्थ था। जन्म के करीब दो महीने के बाद बच्चे को सर्दी-खांसी और कफ की शिकायत हुई, तो उन्होंने उसे रांची के एक चाइल्ड स्पेशलिस्ट को दिखाया। उसके बाद फिर जुलाई के लास्ट में बच्चे को सर्दी-खांसी और कफ की शिकायत हुई, तो उन लोगों ने समझा फिर पिछली बार जैसी ही समस्या हुई है। ठीक हो जाएगा। लेकिन, वह नहीं ठीक हुआ तो अरगोड़ा के एक अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया। लेकिन, स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। उसके बाद वे लोग उसे रानी चिल्ड्रन हॉस्पिटल लेकर आए। यहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर लिया और जांच कराई तो रिपोर्ट देखकर सभी के होश उड़ गए। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 की पुष्टि होने के बाद डॉक्टरों ने बच्चे को बाहर ले जाने की सलाह दी है। बच्चे का लगातार ऑक्सीजन लेबल गिर रहा है और उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है।
डॉ. राजेश बोले- इंजेक्शन मिल भी जाए, तो लगवाने के लिए एम्स दिल्ली जाना होगा
डॉ. राजेश कुमार |
सबसे बड़ी चुनौती 22 करोड़ रुपए जुटाना
मासूम राजवीर को बचाने के लिए 22 करोड़ रुपए जुटाना राहुल प्रसाद के लिए बड़ी चुनौती है। क्योंकि, अपनी सैलरी से वह बेटे का जीवन बचाने में असमर्थ हैं। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से बेटे के इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।
बच्चे की जांच रिपोर्ट और डॉक्टर की पर्ची
Innocent life of six months in trouble, 16 crore rupees injection is needed to save
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