silli(ranchi) सिल्ली के कुटाम स्थित भक्ति वेदांत विद्याभवन गुरुकुल में आगामी 31 अगस्त से 8 सितंबर तक चलने वाले नौ दिवसीय राधा रमण महोत्सव की तैयारी अंतिम चरण में है। इस अनुष्ठान के दौरान भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा, भागवत कथा, कृष्ण जन्माष्टमी, श्रील प्रभुपाद अभिर्भाव दिवस मुख्य कार्यक्रम होंगे। मंगल आरती, नगर संकीर्तन, गुरु पुजा,गौ पुजा, दही हांडी दर्शन आरती समेत कई कार्यक्रम होंगे। कार्यक्रम के दौरान उद्घाटन के दिन 200 महिलाएं स्वर्णरेखा कलश यात्रा में शामिल होंगी। भगवान का जलाभिषेक, पुष्पाभिषेक तथा विभिन्न गांवों के विभिन्न घरों के लोगों द्वारा लाए गए 1008 भोग लगाए जाएंगे । दो हजार से ज्यादा स्कूली बच्चे तथा विभिन्न राज्यों के लोग भक्ति कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रदेश के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन आगामी छह सितंबर को आएंगे। आयोजकों ने बताया कि कार्यक्रम में 190 गांव के लोग भाग लेंगे। भगवान की प्रतिमा चार लाख से अधिक लागत की है। जो राजस्थान में संगमरमर से तैयार किया गया है। इसके अलाव भागवत कथा, संध्या आरती, महाश्रिंगार, सांस्कृतिक कार्यक्रम, ओडिसी नृत्य, छौ नृत्य, दर्शन आरती, मंगल आरती, नगर संकीर्तन, गुरु पुजा, गौ पुजा, दही हांडी, भजन- कीर्तन महाप्रसाद वितरण समेत कई कार्यक्रम होंगे। इसके लिए 1500 स्क्वायर फीट का एक भव्य वाटर प्रूफ पंडाल बनाया गया है। एक बड़े किचेन का भी निर्माण किया गया है।
silli(ranchi) सिल्ली के कुटाम स्थित भक्ति वेदांत विद्याभवन गुरुकुल में आगामी 31 अगस्त से 8 सितंबर तक चलने वाले नौ दिवसीय राधा रमण महोत्सव की तैयारी अंतिम चरण में है। इस अनुष्ठान के दौरान भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा, भागवत कथा, कृष्ण जन्माष्टमी, श्रील प्रभुपाद अभिर्भाव दिवस मुख्य कार्यक्रम होंगे। मंगल आरती, नगर संकीर्तन, गुरु पुजा,गौ पुजा, दही हांडी दर्शन आरती समेत कई कार्यक्रम होंगे। कार्यक्रम के दौरान उद्घाटन के दिन 200 महिलाएं स्वर्णरेखा कलश यात्रा में शामिल होंगी। भगवान का जलाभिषेक, पुष्पाभिषेक तथा विभिन्न गांवों के विभिन्न घरों के लोगों द्वारा लाए गए 1008 भोग लगाए जाएंगे । दो हजार से ज्यादा स्कूली बच्चे तथा विभिन्न राज्यों के लोग भक्ति कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रदेश के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन आगामी छह सितंबर को आएंगे। आयोजकों ने बताया कि कार्यक्रम में 190 गांव के लोग भाग लेंगे। भगवान की प्रतिमा चार लाख से अधिक लागत की है। जो राजस्थान में संगमरमर से तैयार किया गया है। इसके अलाव भागवत कथा, संध्या आरती, महाश्रिंगार, सांस्कृतिक कार्यक्रम, ओडिसी नृत्य, छौ नृत्य, दर्शन आरती, मंगल आरती, नगर संकीर्तन, गुरु पुजा, गौ पुजा, दही हांडी, भजन- कीर्तन महाप्रसाद वितरण समेत कई कार्यक्रम होंगे। इसके लिए 1500 स्क्वायर फीट का एक भव्य वाटर प्रूफ पंडाल बनाया गया है। एक बड़े किचेन का भी निर्माण किया गया है।
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