महात्मा गांधी की तस्वीर पर पुष्प चढ़ात एनके सिंह। |
Ranchi (Jharkhand): दयानंद पब्लिक स्कूल में मंगलवार को 77वां स्वतंत्रता दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया। सुबह 9:05 बजे स्कूल के प्रबंध निदेशक एस पांडेय ने झंडोत्तोलन किया। इससे पूर्व स्कूल के बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली। स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। झंडोत्तोलन के बाद स्कूल में आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों ने पार्टिसिपेट किया।
स्कूल के निदेशक ने बच्चों को तिरंगे का महत्व बताया
स्कूल के निदेशक एनके सिंह ने बच्चों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं और उन्हें देश के प्रति कर्तव्य परायण होने की सीख दी। यह भी बताया कि इस बार हर घर तिरंगा आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित अभियान है, इसका उद्देश्य भारत के हर नागरिक को अपने घर पर तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित करना है, ताकि उनके रगों में देशभक्ति की भावना का संचार हो सके।
सामाजिक भेदभाव मिटाना बहुत जरूरी: पांडेय
स्कूल के प्रबंध निदेशक एस पांडेय ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि हमारा देश आज जब चांद तक पहुंच चुका है, तो हमें अपनी सोच भी ऊंची रखनी चाहिए, मन में किसी के प्रति कोई भेदभाव नहीं रखना चाहिए। भेदभाव चाहे लिंग के आधार पर हो, जाति के आधार पर हो, धर्म के आधार पर हो या फिर अमीर या गरीब के बीच हो ये समाज में असमानता और अव्यवस्था फैलते हैं। इसलिए यदि हम चाहते हैं कि हमारा देश दुनिया में सबसे आगे रहे, तो सबसे पहले इस भेदभाव को मिटाना होगा। समाज में फैली कुरीतियों को खत्म करनी होगी और नए विचारों, नए जोश के साथ और नई आशाओं के साथ कदम बढ़ाना होगा।
प्राचार्या ने बच्चों को स्वतंत्रता का महत्व समझाया
स्कूल की प्राचार्या वैशाखी पॉल ने बच्चों को स्वतंत्रता का महत्व समझाया। कहा- हमारे देश के वीर सपूतों और शहीदों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देना है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्रता दिवस एक ऐतिहासिक पर्व है, आज से 76 वर्ष पहले भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली थी। भारत जिसने अपना अस्तित्व खो दिया था, उसे पुनः अपनी पहचान मिली। अंग्रेज भारत आए और यहां के परिवेश को बड़े ध्यान से जानने और परखने के बाद हमारी कमजोरी को आधार बनाकर करीब दो सौ वर्षों तक हम पर शासन किया। हमारे वीर योद्धाओं ने कई लड़ाइयां लड़ीं और उसके बाद जाकर 15 अगस्त 1947 को हमें आजादी मिली। इसीलिए, हमें अपनी कमजोरियों को दूर करना होगा, ताकि कोई भी हमारा फायदा उठाने की कोशिश न करे। कार्यक्रम का समापन "वन्दे मातरम" से हुआ।
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