silli(ranchi) सिल्ली पिस्का सड़क के खपचाबेडा के समीप बिरसा मुंडा के चित्र पर शाहदत दिवस को लेकर आदिवासी परम्परा के अनुसार पाहन नृपेन सिंह मुंडा ने जल अर्पित किया और पुष्पांजलि कर लड्डू चढ़ाया गया। चित्र पर अगरबत्ती जलाया गया। उसके बाद समाज सेवी अनिल सिंह मुंडा ने माल्यार्पण के साथ पुष्पांजलि अर्पित की। उनके साथ आए सरना समिति के सदस्यों में दुर्गा चरण मांझी, भवानी मुंडा, यमुना मुंडा ,जीतु सिंह मुंडा, पूर्व प्रमुख कमलनाथ माझी, बासुदेव मुंडा, नेपाल मुंडा, संतोष सिंह मुंडा,विक्रम मुंडा, शंकर उरांव, श्याम लाल मुंडा,गोंदरा उरांव, मोतीलाल बेदिया, रामदास मुंडा, रश्मि, सविता, विजय, लक्ष्मी, उर्मिला,रतन, चिराग सोना, रोहित,इसिका,मानसी आदि ने बिरसा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पण कर नमन किया। बिरसा मुंडा अमर रहे के नारे लगाए गए। सभी के बीच मिठाईयां बांटी गई।इस मौके पर अंग्रेजों के खिलाफ बिरसा मुंडा की लड़ाई एवं संधर्ष भरी जिंदगी को याद किया गया। बिरसा के अधुरे सपने को पूरा करने के लिए एकजुटता के लिए संकल्प लिया गया। अनिल सिंह मुंडा ने बिरसा मुंडा की जन्म, संधर्ष और जेल में मौत के बारे में संक्षिप्त इतिहास को बताया कि 15 नवम्बर 1875 को जन्म लिया और 25 वर्ष की कम आयु में ही अपनी जल जंगल जमीन को बचाने के लिए अंग्रेजी हुकूमत से लड़ाई छेड़ दिया। धोखे से बिरसा मुंडा को अंग्रेजी हुकूमत ने पकड़ कर जेल में डाल दिया।जहां बाद में मौत की खबर आई। खबर को छिपा कर रखा गया ताकि लोगों मे अंग्रेजी सरकार के खिलाफ बगावत जोर न पकड़ ले।
खपचाबेडा में मनाया बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि
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