पेड़ में दबकर हुई मौत |
आक्रोशित लोगों ने किया रोड जाम
आक्रोशित लोगों को समझाते पूर्व विधायक |
इस घटना से आक्रोशित लोगों ने रांची-मुरी मार्ग को जाम कर दिया। मुआवजा की मांग को लेकर ग्रामीणों ने शव उठाने नही दिया। छह घंटा रोड जाम रहा। ग्रामीणों का आरोप था कि निर्माण कंपनी की लापरवाही से ग्रामीण की मौत हुई है। मौके पर विधायक राजेश कच्छप, पूर्व विधायक रामकुमार पाहन, जनजाति सुरक्षा मंच के रांची जिला सहसंयोजक उमेश कुमार बड़ाईक, सीआई रमेश रविदास, बीडब्ल्यूओ संतोष कुमार, अनगड़ा थाना प्रभारी चमरा मिंज, उपप्रमुख जयपाल हजाम ने कंपनी पर दबाव बनाया व वार्ता के लिए बुलाया। घटना के 4 घंटे बाद कंपनी के प्रतिनिधि वार्ता के लिए पहुंचे। ग्रामीण मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। बाद में कंपनी ने 10 लाख रूपया मुआवजा देने का घोषणा किया। तत्काल स्वजनों को 1 एक लाख रूपया नकद भुगतान किया गया। शेष राशि का भुगतान जल्द किया जाएगा। इस अवसर पर रामनाथ महतो, जगन्नाथ महतो, सिकंदर अंसारी, मुस्तफा अंसारी, जगेश्वर महतो, रामानंद बेदिया, रामपोदो महतो, विष्णु महतो सहित अन्य उपस्थित थे।
एक सौ साल पुराने पेड़ बन रहे जानलेवा
जानलेवा बरगद का पेड़ |
रांची-मुरी मार्ग के दोनों तरफ एक सौ साल पुराना सैकड़ों की संख्या मे बरगद, पीपल, आम व गुलमोहर का पेड़ जानलेवा बना हुआ है। ये पेड़ अंदर से पूरी तरह से खोखला हो गया है। सड़क निर्माण कंपनी के द्वारा पेड़ काटने की गति काफी धीमा है। बारिश के दौरान चलने वाली आंधी से हमेशा पेड़ की टहनी व पूरा पेड़ सड़क व राहगीर पर गिरता रहता है। ग्रामीणों का हुजूम पेड़ की टहनी व पत्ता जमा करने के लिए पेड़ काटने के दौरान जमा रहता है। इससे कभी भी गंभीर दुर्घटना हो सकती है। मना करने के बावजूद ग्रामीण पेड़ काटने के दौरान मौके से नही हटते है। ज्ञात हो कि इससे पूर्व 7 मई को बेरवाड़ी के सोनू कुमार साहू व सीआईटी की छात्रा ज्योति कुमारी की मौत पेड़ से दबने से हुई थी।
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