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मेगा फूड चालू करने को ले प्रदर्शन करते |
अनिल कुमार चौधरी/angara(ranchi) गेतलसूद स्थित बंद मेगा फूड पार्क को चालू करने की मांग को लेकर सोमवार को ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। मेगा फूड पार्क के गेट के पास प्रदर्शन किया गया। इसका
नेतृत्व जनजाति सुरक्षा मंच के रांची जिला सह संयोजक उमेश कुमार बड़ाईक, भाजपा नेता जैलेन्द्र कुमार व गेतलसूद मुखिया शांति मुण्डा कर रही थी। प्रदर्शन में आसपास के गांव से लोग शामिल होने पहुंचे।
उमेश कुमार बड़ाईक ने बताया कि पिछले 15 साल से उदघाटन होने के बाद से मेगा फूड पार्क बंद पड़ा है। रियाडा की करीब 60 एकड़ भूमि में बना मेगा फूड पार्क के लिए गेतलसूद के लोगों ने जमीन दी लेकिन आज तक इन्हें रोजगार व मुआवजा नही मिला। इस मामले को लेकर वे जल्द ही वे केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान व झारखंड सरकार के सक्षम पदाधिकारियों से मिलेंगे। फूड पार्क खोलने के लिए जो भी संभव होगा उसे करेंगे।
जैलेन्द्र कुमार ने बताया कि सब्सिडी की राशि को हड़पने के लिए एक साजिश के तहत मेगा फूड पार्क को बंद करा दिया गया। पार्क बंद होने की उच्चस्तरीय जांच कर आरोपितों पर कारवाई हो और बंद मेगा फूड पार्क को चालू किया जाए।
मुखिया शांति मुण्डा ने बताया कि फूड पार्क को चालू कराने की हर कवायद में गेतलसूद के लोग साथ देंगे। लेकिन फूड पार्क चालू होना चाहिए। इस मौके पर गौरीशंकर मुण्डा, जीतून महतो, अमित चौधरी, सुखदेव महतो, महेश बेदिया, सोहन बेदिया, लेंगा गोस्वामी, लीला कुमारी, अजय महतो, विकास कुमार सिंह, बालमती देवी, परिता देवी आदि उपस्थित थे।
उदघाटन के बाद से बंद है मेगा फूड पार्क
उदघाटन के बाद से मेगा फूड पार्क बंद है। वर्ष 2009 में इसकी आधारशिला पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने रखा था। बाद में वर्ष 2016 में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसका उदघाटन किया। लेकिन उदघाटन के बाद से ही मेगा फूड पार्क बंद है। बताया जाता है कि करीब ढाई सौ करोड़ रूपये की लागत से इसका निर्माण कराया गया था। इसमें से 120 करोड़ रूपया सब्सिडी था। बनने के बाद भी कभी मेगा फूड पार्क नही खुल सका। हलांकि 33 कंपनियों को जमीन सबलीज पर दी गई थी लेकिन किसी भी कंपनी ने उत्पादन शुरू नही किया। बाबा रामदेव की पतंजली योगपीठ को भी जमीन सबलीज पर दी गई थी।
खंडहर बना पार्क, करोड़ों की संपति को लगा जंग
मेगा फूड पार्क पूरी तरह से खंडहर बन गया है। करोड़ों की संपति को जंग लग गया। पार्क के अंदर बनाया गया पावर हाउस आज तक चालू नही हुआ। यहां का ट्रांसफार्मर चोरी हो गया। एसी कंटेनर सड़, वेयरहाउस जंग लग गया। ग्रामीणों ने पावर हाउस से गेतलसूद को बिजली आपूर्ति करने की मांग की है। पूरे परिसर में झाड़ियों उग गया है। कीमती समानों की चोरी हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि मेगा फूड पार्क की जगह लघु उद्योग को जमीन उपलब्ध कराया जाता तो सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता।
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