GA4-314340326 big breaking/ अवैध बालू लदा हाइवा पलटा, चालक की दबकर मौत

big breaking/ अवैध बालू लदा हाइवा पलटा, चालक की दबकर मौत

अवैध बालू लदा पलटा ट्रक
अनिल कुमार चौधरी /Angara (Ranchi)  अवैध बालू लदा हाइवा (जेएच01डीजेड 3370) पलटने से विपिन महतो नामक चालक की हाइवा से दबकर मौत हो गई। मृतक का चचेरा भाई सह हाइवा खलासी दयानंद महतो गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतक विपिन महतो(28) पिता जलंधर महतो, आगरटोली, हारलाता तमाड़ का रहनेवाला है। जबकि, हाइवा मालिक टाटीसिलवे का नीरज प्रमाणिक है। दुर्धटना शुक्रवार सुबह छह बजे राहे-राहे मार्ग पर जरगा बाजार के पास हुई। ओवर लोड हाइवा अनियंत्रित होकर पलट दें गया। उसमें लदा बालू सड़क किनारे एक गड्ढे में जमा हो गया।  जानकारी के अनुसार, यह हाइवा सोनाहातू थाना क्षेत्र से अवैध रूप से बालू लाद कर राहे थाना पार कर जंगल के रास्ते लाली होते हुए नामकुम रिंग रोड पकड़कर रांची जा रहा था। 

पुलिस व माइनिंग की सेटिंग से हो रहा बालू की तस्करी

ज्ञात हो कि राहे-हाहे मार्ग व सिल्ली-अनगड़ा मार्ग पर रातभर अवैध रूप से बालू का परिवहन होता है। पुलिस व खनन विभाग की सेटिंग से यह अवैध धंधा रहा है। एनजीटी की रोक के बावजूद अवैध रूप से बालू का उठाव और परिवहन किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि एक हाइवा बालू में करीब 19300 हजार रुपए कमीशन के रूप में अलग-अलग जगहों पर बांटे जाते हैं। सबका अलग-अलग रेट फिक्स है। बालू घाटों पर लोडिंग में जाने से पहले सफेदपोश के लिए एक एजेंट के पास 6000 और बालू का सिंडिकेट चलानेवाले के यहां 13300 रुपए जमा कराने पड़ते हैं, इसके अलावा क्षेत्र में पड़नेवाले थानों में प्रति माह एंट्री अलग से देना पड़ता है। नहीं देने पर पकड़े जाने का डर रहता है। स्थानीय स्तर पर कमीशन की राशि बढ़ने के कारण 20-22 हजार रुपए हाइवा मिलनेवाला बालू 50 हजार रुपए में बिक रहा है। बीच-बीच में दिखावे के लिए कमीशन नहीं देनेवाले हाइवा, टर्बो व ट्रैक्टर पर कार्रवाई की जाती है। लोगों का दावा है कि बालू तस्करी के इस खेल में खनन विभाग और नीचे से लेकर ऊपर तक के पुलिस प्रशासन में बैठे लोग और राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल हैं। 

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रात में सजता है बालू का बाजार

प्रतिदिन इन दोनों मार्ग से एक सौ से अधिक वाहनों से बालू का अवैध परिवहन होता है। रोज रात में सिल्ली औ सोनाहातू के विभिन्न बालू घाटों में बालू का अवैध बाजार सजता है। इस अवैध बाजार में विक्रेता वो होते हैं, जो नदी से अवैध रूप से बालू निकालकर घाट पर डंप करते हैं। पॉकलेन मशीन, ट्रैक्टर और मजदूर की मदद से यह पूरा अवैध धंधा चलता है। नदी अवैध रूप से खनन कर एक जगह बालू डंप करनेवाला गिरोह एक कंपनी की तरह काम करता है। बालू तस्कर इन सभी को कमीशन के आधार पर पेमेंट करता है। लेकिन, रात में बालू की रक्षा करनेवालों को मासिक वेतन दिया जाता है। दोपहर बाद से नदी से बालू का अवैध खनन शुरू हो जाता है। सुबह छह बजे तक बालू विभिन्न वाहनों में बालू लोड होता रहता है। बालू खरीदनेवाला ग्राहक वाहन मालिक होते हैं। कुछ-कुछ वाहन मालिक तो कुछ लोगों के माध्यम से स्वयं बालू संग्रह कराते हैं।  

एक माह में लखपति बनने की गांरटी 

बालू तस्करी करके आप एक माह में लखपति बन सकते है इसकी गारंटी है। बालू को लोड करके उसे रामगढ़, रांची व जमशेदपुर के बाजारों में बेच रहे है। अन्य वाहन मालिक शाम छह बजे तक बालू घाट पहुंचते है। बालू लोड कराने के लिए वाहन मालिक या पेड वर्कर द्वारा शाम में ही बालू बाजार में बालू विक्रेता के पास नकद राशि जमा करा दी जाती है। इसके बाद नंबरिंग सिस्टम से बालू की लोडिंग शुरू होती है। सूत्रों ने बताया कि सारा खर्च काटकर प्रति हाइवा दस हजार रुपए की बचत वाहन मालिक को होती है। यही बचत अन्य लोगों को बालू की तस्करी में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा है। बस माइनिंग व पुलिस से कीजिए सेटिंग और एक माह में बनिए लखपति।  

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