GA4-314340326 गेतलसूद डैम बनने के बाद पहली बार 54 साल बाद खोला गया स्लूइस गेट

गेतलसूद डैम बनने के बाद पहली बार 54 साल बाद खोला गया स्लूइस गेट

खोला गया स्लूइस गेट
anil kumar choudhary/angara(ranchi) लगातार हो रही बारिश के कारण शनिवार की दोपहर एक बजे से गेतलसूद डैम के दोनों स्लूइस गेट को खोलकर पानी बहाया जा रहा है। जलस्तर नियंत्रण होने तक स्लूइस गेट खुला रहेगा। फिलहाल छह-छह ईंच गेट को खोला गया है। डैम बनने के बाद पहली बार 54 साल बाद स्लूइस गेट को खोला गया। इससे डैम में दशकों से जमा गाद के साथ पानी बाहर जा रहा है। गाद के कारण पानी का रंग काला हो गया है व लगातार बदबू दे रहा है। हालांकि आवश्यकता होने पर और ज्यादा खोला जा सकता है। स्लूइस गेट से प्रवाहित किये जा रहे पानी के बावजूद पानी की आवक काफी ज्यादा है। लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। स्लूइस गेट से जलस्तर नियंत्रण में नही हुआ तो रेडियल गेट खोलकर पानी बहाया जाएगा। फिलहाल जलस्तर 32.80 फीट है जो खतरे के निशान 34 फीट से कम है। 

कैंप कर रहे अधिकारी
डैम का जलस्तर बढ़ने से सिंचाई विभाग व स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना सिकिदिरी के पदाधिकारी डैम में कैंप किए हुए है। इस मौके पर सिकिदिरी परियोजना प्रबंधक विनय अंगीरा, वरीय कार्यपालक अभियंता संजय कुमार सिंह, शांता कुमार सौरभ, जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता जान बोदरा, कनीय अभियंता विवेक पाल कुल्लू, प्रभात कुमार, कृष्णा प्रसाद आदि उपस्थित थे।  

क्या है स्लूइस गेट

स्लूइस गेट तीन फीट डाइमीटर का है। डैम निर्माण के समय दो स्लूइस गेट को गाद निकालने के लिए डिजाइन किया गया था। लेकिन अन्यान्य कारणों से 54 सालों में स्लूइस गेट को नही खोला गया। जिससे गेट पूरी तरह से जाम हो गया। डैम में घीरे धीरे गाद जमा होने लगा। करीब 24 फीट गाद जमा हो गया। 1965 में गेतलसूद डैम का निर्माण शुरू हुआ व 1970 में पूर्ण हुआ था। इधर रांची की बढ़ रही जनसंख्या को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गेतलसूद डैम के जलस्तर को 1914 आरएल फीट तक स्थिर कर दिया गया है। इस जलस्तर पर बिजली उत्पादन के लिए पानी की आपूर्ति बंद कर दी जाती है। इसके बाद बारिश होने पर ही बिजली उत्पादन शुरू होता है। गेतलसूद डैम की गहराई 1886 आरएल फीट है। जलाशय की झमता 1936 आरएल फीट है। लेकिन गाद जमा होने से लगातार जलस्तर कम होता गया। एक दशक पूर्व तक गेतलसूद डैम के जलस्तर 1900 आरएल फीट होने तक बिजली उत्पादन की जाती थी।  

पांच दशक से जमा गाद को निकालने के लिए खोला गया स्लूइस गेट

गेतलसूद डैम में पिछले पांच दशक से जमा गाद को निकालने के लिए स्लूइस गेट को खोला गया है। रेडियल गेट खोलने से सिर्फ पानी बाहर निकलता है, लेकिन स्लूइस गेट से पहले गाद व फिर पानी बाहर निकलता है। वर्ष 2023 में अहमदाबाद की हार्डवेयर टूल्स नामक कंपनी ने करीब 3 करोड़ रूपये की लागत से दोनों स्लूइस गेट का रिपेयर किया था। सिकिदिरी परियोजना प्रबंधक विनय अंगीरा ने बताया कि पूरा प्रयास है कि शटडाउन में चल रहे पावर हाउस एक को एक सप्ताह के अंदर रिपेयर करके बिजली उत्पादन शुरू करा दिया जाए। पावर हाउस दो से अगस्त के अंतिम सप्ताह में बिजली उत्पादन शुरू होगा। बेकार के पानी बहाये जाने से अच्छा है बिजली उत्पादन कर सरकार राजस्व में वृद्धि की जाए। इधर सिंचाई विभाग के एसडीओ जान बोदरा ने बताया कि डैम के जलस्तर की स्केडा सिस्टम से निगरानी की जा राही है। चूंकी दशकों से जमा गाद को भी डैम से हटाना जरूरी है इसलिए स्लूइस गेट को खोला गया है। इस प्रक्रिया से पांच-छह सालों में डैम में जमा गाद की सफाई संभव है। इससे रांचीवासी को पेयजल आपूर्ति, बिजली उत्पादन व राजस्व संग्रह की बढ़ोत्तरी में मदद मिलेगी। 

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