angara(ranchi) सोहोवती देवी पब्लिक स्कूल चिलदाग में विश्व आदिवासी दिवस पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
स्कूल के निदेशक डा. अमर कुमार चौधरी और सचिव डा. कुमुद कला मेहता ने विश्व आदिवासी दिवस की प्रासंगिकता की जानकारी दी।
डा. चौधरी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा आदिवासी समुदायों की समस्याओं को समाप्त करने के लिए 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाया जाने का निर्णय लिया गया है। आदिवासी जीवन दर्शन अपनाकर ही हम मानव समाज को सुरक्षित व संरक्षित रख सकते है। भगवान बिरसा मुण्डा के जीवन हमें संघर्ष करने की प्रेरणा देती है।
डा. कुमुद कला मेहता ने कहा जंगल बिना जीवन अधूरा है आदिवासी बिना जंगल अधूरा है यदि जंगल को दिल माने तो उसकी धड़कन आदिवासी है। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने पारंपरिक आदिवासी परिधान में मनमोहक प्रस्तुती दी। निबंध और एवं कविताएं प्रस्तुत की गई।
एक टिप्पणी भेजें
please do not enter any spam link in the comment box.