Ranchi (Jharkhand): झारखंड में अंगरेजी शराब की बिक्री से प्रतिदिन अब 0.5 फीसदी की वसूली हो रही है। बताया जा रहा है कि साहब के नाम पर यह वसूली मुकेश सिन्हा नाम का व्यक्ति कर रहा है। लेकिन, साहब कौन हैं? इस पर कोई मुंह नहीं खोल रहा है। चाहे वह विभागीय सचिव हों या उत्पाद आयुक्त। यहां तक कि विभागीय मंत्री जो जेएमएम कोटे से हैं, वो भी कुछ कहने से बच रहे हैं। आखिर, यह मुकेश किसके कहने पर वसूली कर रहा है। यह सबसे बड़ा रहस्य बन गया है। वसूली से सबसे अधिक परेशानी यहां काम कर रही प्लेसमेंट एजेंसियों को हो रही है। क्योंकि, राज्य के 24 जिलों में 1580 दुकानों का संचालन प्लेसमेंट एजेंसियां कर रही हैं। इन प्लेसमेंट एजेंसियों में एसके एंड कंपनी, मार्शल कंपनी, विजन होस्पिटलिटिज प्राइवेट लिमिटेड और वेबेल टेक्नोलॉजी शामिल हैं। जब से नई उत्पाद नीति लागू हुई है, तब से प्लेसमेंट एजेंसियों को कभी साहबों को महीने की फिक्स्ड रकम देनी पड़ती थी, तो अब प्रतिदिन की सेल में से हिस्सेदारी देनी पड़ रही है।
प्रतिदिन होती है आठ से 12 करोड़ की बिक्री
झारखंड की 1580 दुकानों से प्रतिदिन आठ से 12 करोड़ रुपए की शराब की बिक्री होती है। इनमें से 0.5 प्रतिशत का हिस्सा छह लाख रुपए के करी होता है। इस लिहाज से एक अगस्त से नए सिस्टम से अब तक 2.70 करोड़ से अधिक की वसूली हो चुकी है। यह वसूली मुकेश सिन्हा ने की है। सरकार की तरफ से ओवर प्राइसिंग और नकली शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने की जगह इस नई व्यवस्था को लागू किया गया है। इससे दुकानदारों, प्लेसमेंट एजेंसियों को दिन प्रतिदिन नई-नई परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। इसके अलावा उत्पाद निरीक्षक, सिपाही, सहायक उत्पाद आयुक्त की महीने की दर भी फिक्स है।
27 सौ करोड़ रुपए है वार्षिक रेवेन्यू का लक्ष्य
राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 27 सौ करोड़ रुपए राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है। इस टार्गेट में से अगस्त तक 1145 करोड़ रुपए वसूले गए हैं। टार्गेट से काफी पीछे अभी बिक्री चल रही है। ऊपर से छह लाख की डेली वसूली से विभाग में कई करीके के हस्तक्षेप होने लगे हैं।
Who is the sahab in Jharkhand, in whose name lakhs of rupees are collected from liquor shops daily
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