अजय भोगता |
क्या है मामला..10 नवंबर को दिल्ली से आये एक यू-टयूब चैनल में बाहया गांव में पिछले एक दशक के दौरान हुए धर्मांतरण पर एक रिपोर्ट दिखाया गया। इसमें अजय भोगता सहित अन्य का बाइट लिया गया। यही से विवाद शुरू हो गया। अजय हाल के समय में क्षेत्र में लगातार हो रहे धर्मांतरण के खिलाफ जनजागरण चला रखा है। वर्ष 1996 में अजय का बड़ा भाई गोपाल गंझू ईसाई बन चुका है। ईसाई बनने के बाद गोपाल ने अपना नाम फ्रांसिस सुनवार रखा है। अजय भोगता बताते है चुनाव के दौरान भाजपा का प्रचार करने व घर में भाजपा का झंडा लगाने से ईसाई समाज के लोग भड़क गये। मैं पूर्व से ही धर्मांतरण को लेकर जागरूकता अभियान चला रहा हूं। इसलिए मुझे टारगेट किया गया। मेरी हत्या की धमकी दी जा रही है। पिछले एक दशक में बाहया इलाके में दस परिवार ने धर्मपरिर्वतन कर ईसाई धर्म अपनाया है।
प्रिंसिपल ने डांटा, विवाद ने तूल पकड़ा
विवाद ने तब तूल पकड़ा तक 20 नवंबर को अजय भोगता के पांच वर्षीय पुत्र अर्पित राज को भाजपा का झंडा लेकर साइकिल पर घूमते देखने पर स्कूल की प्रिंसिपल ने डांट दिया। डर से 21 नवंबर को बच्चा स्कूल नही गया। आप अजय भोगता स्वयं बच्चें को पहुंचाने स्कूल गया। अर्पित राज हेसल खीराटोली स्थित एजी चर्च इंगलिश मीडियम स्कूल का केजी टू का छात्र है। इसपर प्रिंसिपल नीलम बारला ने बताया कि चुनाव के दिन अर्पित के साथ दो तीन बच्चें और झंडा लेकर खेल रहे थे। मैने सभी को मजाक से बोला की झंडा लेकर क्यों घूमते हो जाओ परीक्षा की तैयारी करों। इसमें मेरी कोई गलत मंशा नही था। बाद में इसे विवाद का विषय बना दिया गया।
भाईचारा बना रहे इसलिए महापंचायत बुलाया: सामुएल तिर्की
ग्रामप्रधान शिवलाल पाहन ने बताया कि गांव के ईसाई समाज के सामुयल तिर्की ने मुझे पत्र देकर 24 नवंबर को महापंचायत बुलाने को कहा था। इसपर सामुयल तिर्की ने कहा कि अजय भोगता हमलोगों के खिलाफ बेवजह का आरोप लगा रहा है। सभी को अपना धर्म संस्कृति मानने का अधिकार है। हमने किसी का विरोध नही किया है। लेकिन यू-टयूब चैनल में दिये इंटरव्यू में अजय भोगता ने गलत आरोप लगाया है। इससे गांव की बदनामी हो रही है। तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। गांव में आपसी भाईचारा बनी रहे इसी को लेकर अजय से पूछताछ करने के लिए महापंचायत बुलाया गया है।
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