*माइंस में की जा रही ब्लास्टिंग से परेशान गोलगो और बेलवाना के दर्जनों ग्रामीण थे विरोध प्रदर्शन में शामिल
Giridih (Jharkhand): जिले के तिसरी में बेलवाना पत्थर खदान के विरोध में ग्रामीण एक बार फिर गोलबंद हो गए हैं। पत्थर खनन के लिए माइंस में की जा रही ब्लास्टिंग से परेशान गोलगो और बेलवाना गांव के दर्जनों ग्रामीण रविवार को पत्थर खदान पहुंचे। मुखिया प्रतिनिधि उमर फारुख के नेतृत्व में ग्रामीणों ने लीजधारक सज्जन पचिसिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालांकि, उस वक्त वहां कोई भी खदानकर्मी या मजदूर नहीं था, केवल गाड़ियां खड़ी थीं। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क किनारे हो रहे पत्थर उत्खनन के कारण ही बेलवाना से मनसाडीह जाने वाली मुख्य सड़क जर्जर हो गई थी। उक्त खदान में किए गए हेवी ब्लास्ट से सड़क का कई हिस्सा धंस गया था। विरोध में खदान को कुछ समय के लिए बंद कराया गया था। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री सह स्थानीय विधायक बाबूलाल मरांडी के प्रयास से पुनः इस सड़क का जीर्णोद्धार हुआ है, अब दोबारा से खदान में पत्थर खनन शुरू कर दिया गया है। इससे नवनिर्मित इस सड़क के जल्द क्षतिग्रस्त हो जाने की आशंका है।
ब्लास्टिंग की आवाज से बच्चे हो जाते हैं बेहोश
मुखिया प्रतिनिधि उमर फारुख ने कहा कि उक्त खदान में किए जा रहे उत्खनन के कारण आसपास के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। ब्लास्टिंग से होने वाली आवाज से डर कर बच्चे बेहोश हो जाते हैं। साथ ही खदान से निकलने वाले धूल कण आसपास के खेतों को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने बताया कि सज्जन पचिसिया के नाम से खदान का लीज है।
उत्खनन के दौरान हो चुकी है मजदूर की मौत
वहीं वर्ष 2018 में इस खदान में उत्खनन के दौरान संझला हेंब्रम नामक मजदूर की मौत हो गई थी। उनकी पत्नी मुन्नी मुर्मू ने बताया कि घटना के बाद संचालक द्वारा चार लाख रुपए नगद समेत उनके पुत्र की पढ़ाई और जब तक खदान का संचालन होगा तब तक चार हजार रुपया प्रति माह दिए जाने की बात तय हुई थी। उन्हें चार लाख रुपए तो मिला लेकिन न ही बच्चे की पढ़ाई का खर्च और न ही तय की गई प्रतिमाह राशि दी गई। वहीं इस संबंध में लीजधारक एस. पचिसिया से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनके पास खदान संचालन का लीज है बावजूद इसके कुछ लोगों द्वारा उन्हें तंग किया जा रहा है। वे इस संबंध में प्रशासन से बात करेंगें। वहीं मजदूर की मृत्यु के बाबत उन्होंने कहा कि तय मुआवजा दिया जा चुका है। इस संबंध में गिरिडीह डीएमओ से फोन पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका।
Giridih: Stone mining has made life difficult for the people of two villages
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