GA4-314340326 गेतलसूद में 450 करोड़ की लागते से बननेवाली सोलर पावर प्लांट का निर्माण शुरू

गेतलसूद में 450 करोड़ की लागते से बननेवाली सोलर पावर प्लांट का निर्माण शुरू

 

angara(ranchi) पिछले एक साल से मछुआरों के विरोध के कारण रूका हुआ फलोटिंग सोलर पावर प्लांट का निर्माण कार्य आखिरकार गुरूवार से शुरू हुआ। निर्माण कार्य का विरोध करने पहुंचे 20 ग्रामीणों को गिरफतार करके अनगड़ा थाना लाया गया। बाद में भोला महतो, कार्तिक नायक व सुजीत बैठा की भी गिरफतारी की गई। 11 बजे तक विरोध करनेवालों की हुई गिरफतारी के बाद काम शुरू हुआ। बीडीओ अनगड़ा जयपाल सोय व सेकी के अधिकारी पल्ल्व यादू की उपस्थिति में भूमि पूजन हुआ। भूमि पूजन के तेजी से काम शुरू हुआ। ज्ञात हो कि इस मामले में उक्त् तीन ग्रामीणों के अलावा सरिता देवी, दुबराज महतो व सावन नायक के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में अनगड़ा थाना में 19 दिसंबर को नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। काम शुरू करने को लेकर आज काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। जिला से अतिरिक्त महिला व पुलिस बल बुला लिया गया था। 

 बांड भरकर ले बेल: बीडीओ

बीडीओ जयपाल सोय ने बताया कि विरोध करने वाले लोग बांड भरने को तैयार है तो इन्हें थाने से ही बेल दिया जाएगा। नामजदों के खिलाफ कानून सम्मत कारवाई की जाएगी। गेतलसूद डैम में पानी के उपर कुल 172 हेक्टेयर जलभाग पर सोलर पैनल लगाया जाना है। 450 करोड़ की लागत से कुल 100 मेगावाट क्षमता वाले इस प्लांट को सेकी बनवा रही है। जिसका निर्माण कार्य एलएंडटी कंपनी के द्वारा कराया जाएगा। शुरू से ही गेतलसूद डैम पर आश्रित मछुआरा समाज इस योजना का विरोध कर रहा है। मछुआरों का कहना है कि सोलर पावर प्लांट बनने से उनका रोजगार छिन जाएगा वे सभी भूखे मर जायेंगे।      

एक साल से योजना का हो रहा विरोध

गेतलसूद डैम में फलोटिंग सोलर सिस्टम व गेतलसूद में पावर ग्रिड का निर्माण किया जाएगा। सोलर पावर प्लांट का निर्माण एनर्जी कोरपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड(भारत सरकार का उपक्रम) एवं झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के द्वारा कराया जा रहा है। लेकिन पिछले एक साल से लगातार ग्रामीण इस योजना का विरोध कर रहे है। 10 जुलाई 2024, 27 सितंबर, 27 नवंबर, 19 दिसंबर को ग्रामीणों ने विरोध करके काम शुरू नही होने दिया था। बाद में इस मामले में छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बीडीओ जयपाल सोय ने बताया कि इस मामले के समाधान को लेकर कई बार ग्रामीणों के साथ बैठक की गई, लेकिन वे हमेशा विरोध करते रहे।

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