* बीएड कॉलेज परिसर में राज्यपाल ने किया पुस्तक मेले का उद्घाटन
Deoghar (Jharkhand): बीएड कॉलेज परिसर में महाविद्या की ओर से आयोजित 22 वें देवघर पुस्तक मेले (Deoghar Book Fair-2025) का उदघाटन शनिवार को सूबे के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार (Santosh Kumar Gangwar) ने किया। उदघाटन समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि किताबों के प्रति युवा पीढ़ी में रुचि अब नहीं है। बच्चों के लिए लाइब्रेरी की जरूरत है। देवघर पुस्तक मेला झारखंड और देश भर में साहित्यिक. सांस्कृतिक और शैक्षणिक क्षेत्र में विशेष स्थान रखता है। आज जब डिजिटल माध्यम हमारी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बनी चुकी है, ऐसे आयोजन के माध्यम से पुस्तक संस्कृति को पुनजीर्वित करना और उसको प्रोत्साहन देना अत्यंत आवश्यक है। पुस्तक मेले का मंच साहित्य और संस्कृति के बीच सेतु का काम करता है। मेले में विद्यालय स्तरीय प्रतियोगिताएं, योग सत्र, युवा कार्यक्रम, कैरियर परामर्श और साहित्य पर चर्चाएं जैसी गतिविधियों को भी सम्मिलित किया गया है। इससे युवाओं को प्रेरित करने और नई पीढ़ी को पुस्तकों और साहित्य से जोड़Þने में सहायक है। यह मेला एक आयोजन नहीं, बल्कि समाज में ज्ञान और विचारों का उत्सव है। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र बरेली में एक लाइब्रेरी बनाई है, जो एक मिसाल है। पुस्तकें पढ़ने में नौजवानों में रुचि जगाने की जरूरत है। लोगों से अपील है कि मेले का अधिकतम लाभ उठाएं। मेले के माध्यम से किताबों के पढ़ने की रुचि को बढ़ाएं। मेले में नौजवानों को सक्रियता के साथ आगे आना चाहिए, ताकि वे पुस्तकों से जुड़ सके। देवघर पुस्तक मेला प्रदेश में अपनी पहचान बनाएंगे, ऐसी शुभकामना है।
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उद्घाटन अवसर पर सांसद निशिकांत दुबे व अन्य अतिथि। |
जिले में लाइब्रेरी निर्माण को सांसद फंड से देंगे एक अरब : सांसद
मौके पर गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे (Dr. Nishikant Dubey) ने कहा कि केंद्रीय श्रम मंत्री रहते संतोष गंगवार ने करौं में 100 बेड के ईएसआई अस्पताल निर्माण को मंजूरी दी थी। इसका शिलान्यास राष्ट्रपति ने किया था। लेकिन काम अभी तक काम चालू नहीं हुआ है। आशा है कि मंत्री रहते हुए जिस काम की संतोष गंगवार ने स्वीकृति दी थी, अब राज्यपाल रहते हुए उसका उदघाटन भी कर लें। सांसद ने कहा कि पहले हम लाइब्रेरी जाते थे, पुस्तकें पढ़ते थे। लेकिन आज आॅनलाइन किताबें पढ़ रहे हैं। पिछले 16 साल से अपना सांसद फंड पुस्तक खरीदने में दे रहा है। पुस्तक मेले में नेताओं की जो रुचि रहने चाहिए, वे नहीं है। आज भी कई बड़े नेताओं का नाम उदघाटन समारोह में था, लेकिन एक भी नहीं आए। क्योंकि पुस्तक मेला से वोट नहीं मिलेगा। नेता कैसे मजबूर होकर बच्चों की पढ़ाई, उनकी सुविधा और ऐसे आयोजन में शरीक हो, इस बारे में सोचना चाहिए। कुछ ऐसा माहौल बने, जिसमें नेता यदि नहीं आए तो वे चुनाव हार जाए। ऐसा आंदोलन पैदा करने की जरूरत है। सांसद ने कहा कि शहर की आंबेडकर लाइब्रेरी राजनीतिक का अड्डा है। वहां विद्यार्थी कम पढ़ रहे हैं, राजनीति ज्यादा हो रही है। आंबेडकर जी के नाम पर जिले में और 50 लाइब्रेरी बने। मेरे फंड का बचा 50 करोड़ से जिले में लाइब्रेरी बनाए। जरूरत पड़ी तो और 50 करोड़ भी देंगे।
राज्यपाल ने तीन विभूतियों को किया सम्मानित
पुस्तक मेले के मंच पर राज्यपाल ने तीन विभूतियों को सम्मानित किया। बहुभाषाविद कवि, लेखक और प्रबंधन विशेषज्ञ सुजित कुमार मुखर्जी को साहित्य सेवी सम्मान, शिलांग की सहायक प्रोफेसर व हिंदी प्रसारक डॉ. फिल्मेका मारवानियांग को भाषा सेतु सम्मान और देवघर के जाने-माने विद्वान बालानंद संस्कृत कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. मोहनानंद मिश्र को आजीवन उपलब्धि सम्मान से राज्यपाल ने सम्मानित किया। मौके पर एसकेएम विवि के कुलपति डॉ. विमल प्रसाद सिंह, पद्मश्री विमल जैन, डीसी विशाल सागर (, एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग, पुस्तक मेला समिति के अध्यक्ष युधिष्ठिर राय, संजोयक डॉ. सुभाष राय, डॉ. रामसेवक गुंजन समेत अन्य लोग मौजूद थे। इससे पूर्व राज्यपाल ने बैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की।
Deoghar Book Fair: Today's young generation has no interest in books: Governor
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