*गुरु गोविंद सिंह साल की उम्र में सिक्खों के नेता और अंतिम सिक्ख गुरु बने
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शबद गाते देहरादून के भाई हरप्रीत सिंह व अन्य। |
Giridih (Jharkhand): शहर के प्रधान गुरुद्वारा में सिखों के दसवें गुरु और खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह (Guru Govind Singh) का 358वां प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया गया। प्रधान सेवक डॉ. गुणवंत सिंह मोंगिया (Dr. Gunwant Singh Mongia) और पूर्व प्रधान सेवक डॉ.अमरजीत सिंह सलूजा (Dr. Amarjeet Singh Saluja) के नेतृत्व में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। गुरुद्वारा में विशेष दीवान सजाया गया। इस दौरान देहरादून के रागी जत्था भाई हरप्रीत सिंह व उनकी टीम द्वारा वह प्रगटिओ मरद अगंमड़ा वरीआम इकेला, वाह वाह गोबिंद सिंघ आपे गुरु चेला, देह शिवा बर मोहे ईहे… जैसे कई शबद प्रस्तुत किए गए।
3 दिसंबर से शुरू हुए थे कार्यक्रम
प्रधान मुख्य सेवक डॉ. गुणवंत सिंह मोंगिया ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह की जयंती को लेकर 4 जनवरी को अखंड पाठ रखा गया था, जिसका समापन 6 जनवरी गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व के साथ किया गया। वहीं 3 दिसंबर- 5 जनवरी तक पांच प्रभात फेरियां निकाली गईं। डॉ. गुणवंत सिंह मोंगिया ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह सिक्खों के दसवें धार्मिक गुरु थे। वे एक गुरु ही नहीं, बल्कि एक महान दार्शनिक, प्रख्यात कवि, निडर एवं निर्भीक योद्धा, अनुभवी लेखक और संगीत के पारखी थे। वे सिर्फ 9 वर्ष की आयु में सिक्खों के नेता बने एवं अंतिम सिक्ख गुरु बने रहे। कीर्तन के माध्यम से संगतों को भाई हरप्रीत सिंह ने बताया कि मानव को अपने जीवन में सुख-शांति पाने के लिए जात-पात का त्याग करना चाहिए। सभी को एक सूत्र में बांधने का प्रयास करना चाहिए।
लंगर की संपूर्ण सेवा सुदिव्य कुमार सोनू ने की
लंगर की संपूर्ण सेवा स्थानीय विधायक सह सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू द्वारा की गई थी। सोनू की धर्मपत्नी श्वेता शर्मा ने अपनी पुत्री के साथ माथा टेका और गुरु महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। लंगर में काफी संख्या में लोगों ने शिरकत की। मौके पर चरणजीत सिंह सलूजा, सम्मी सलूजा, राजेंद्र सिंह, गुरविंदर सिंह, तरणजीत सिंह बंटी, सतविंदर सिंह सलूजा, देवेंदर सिंह, अजींदर सिंह चावला, तरणजीत सिंह जिम्मी, हर्षदीप सिंह, देवेंद्र सिंह, गुरुदीप सिंह बग्गा, कुशल सलूजा, हरमिंदर सिंह बग्गा, कुंवरजीत सिंह, त्रिलोचन सिंह, सुधीर आनंद, ऋषि सलूजा, राजू चावला, भाजपा नेता विनय सिंह आदि कई आदि उपस्थित थे।
Giridih: 358th Prakash Parv of Guru Gobind Singh Ji celebrated with pomp
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