GA4-314340326 संवैधानिक शक्तियों को शिथिल कर मोदी सरकार देश को बेचने का काम कर रही: सुबोध

संवैधानिक शक्तियों को शिथिल कर मोदी सरकार देश को बेचने का काम कर रही: सुबोध

देवघर सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते सुबोधकांत।

Deoghar : पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय (Subodhkant Sahay) ने कहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पूरी तरह से गैर संवैधानिक तरीके से चल रही है। इस सरकार ने देश में पिछले 10 सालों में भ्रष्टाचार का इतिहास बनाया है। कुछ मुट्ठी भर लोग देश की सारी संपत्ति को बेचने पर आमदा है। सुबोधकांत सहाय स्थानीय सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सारे संवैधानिक शक्तियों को शिथिल कर देश को बेचने का काम कर रही है। पब्लिक सेक्टर में जनता का अधिकार बनता है, लेकिन झारखंड में सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) में 25 हजार मजदूर काम करते थे,  लेकिन ढाई वर्ष से मजदूरों को वेतन नहीं मिला है और वहां के इंडस्ट्रियल कैंपस में एक नया शहर बसा दिया गया। 

गोड्डा से बांग्लादेश को बेची जा रही बिजली

इस तरह देखा जाए तो देश का सारा पोर्ट, एयरपोर्ट एक व्यक्ति अडानी को दे दिया गया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण गोड्डा में अडानी का पावर प्लांट है, जहां पहली बार राज्य का 25 प्रतिशत शेयर के कॉलम को ही हटा दिया और 100 प्रतिशत बिजली पैदा करके अडानी को दुनिया में बेचने के लिए दे दिया। जमीन हमारी, विस्थापन और बेरोजगारी का दंश हमलोग झेले, राज्य को एक रुपए की भी हिस्सेदारी नहीं। ऐसा देश में कभी नहीं हुआ था,  जहां कोई इंडस्ट्री लगती है तो राज्य को उसका 25% लाभांश मिलता है, यह एक स्टैंडिंग स्वरूप था। लेकिन केंद्र सरकार ने इसे मिटा कर अडानी को पावर प्लांट सौंप दिया है, जहां की सारी बिजली बांग्लादेश को बेची जा रही है। 

पहली बार उपलब्धि के आधार पर दोबारा बनी सरकार

संविधान के रक्षको ने मिलकर राज्य में हेमंत की सरकार बनाई है। झारखंड के 25 साल के सरकार में हेमंत सरकार ने मिल का पत्थर गाड़ा है। हेमंत सोरेन ने चुनाव जीता नहीं, बल्कि विपक्षियों को पूरी तरह से धराशायी कर दिया। पहली बार राज्य सरकार की उपलब्धि पर एक सरकार बनी है। संताल परगना की बात करे तो यहां से मुख्यमंत्री, कांग्रेस विधायक दल के नेता के साथ-साथ दो-दो मंत्री बने हैं। हमेशा से उपेक्षित रहने वाला संताल  परगना आने वाले दिनों में एक विकसित एरिया बनने जा रहा है। झारखंड की दूसरी राजधानी भी यह होगी। 

केंद्र ने झारखंड का बकाया नहीं दिया तो आंदोलन 

राज्य में आदिवासी, दलित, पिछड़ों की आबादी करीब 50 प्रतिशत है और केंद्र सरकार इनके हक का एक लाख 36 हजार करोड़ दबा रखी है। ऐसे में यह सवाल बनता है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आखिर किनका कल्याण करना चाहती है। केंद्र अगर हमारी बात नहीं सुनती है, हमारा अधिकार नहीं देती है तो संघर्ष ही एक रास्ता है। आने वाले दिनों में इंडिया गठबंधन, खासकर कांग्रेस पार्टी इस लड़ाई को आगे बढ़कर लड़ेगी। नया साल और नए संघर्ष की रूपरेखा हमलोग तैयार करेंगे। क्योंकि यह राज्य की अस्मिता, राज्य के आर्थिक हक का सवाल है। 

बाबूलाल मरांडी की बातों को तवज्जो नहीं देते

बाबूलाल मरांडी के उस बयान पर सुबोधकांत सहाय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें कांग्रेस को संविधान के नाम पर समाज को बांटने का आरोप लगाया था। मरांडी के इस बयान पर सुबोधकांत ने कहा कि बाबूलाल अभी नया-नया प्याज खा रहे हैं। इसलिए इनकी बातों को हमलोग बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं। भाजपा में बाबूलाल दोबारा गए हैं तो उन्हें जस्टिफाई करना पड़ रहा है। इसलिए वे आगे बढ़कर बोल रहे हैं। प्रेसवार्ता में जिला बीस सूत्री कार्यक्रम के उपाध्यक्ष डॉ. मुन्नम संजय, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रो. उदय प्रकाश, वरिष्ठ नेता मणि शंकर, जिला महासचिव दिनेश मंडल, इंटक के जिला अध्यक्ष अनंत मिश्रा, प्रदेश सचिव अजय सिंह, नगर अध्यक्ष रवि केसरी समेत अन्य नेतागत मौजूद थे।

सुनिए, और क्या बोले पूर्व केंद्रीय मंत्री 


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