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भाजपा सांसद निशिकांत दुबे। |
शिव बारात में होने वाले खर्च पर कोर्ट जाऊंगा
ऑडिट होने के बाद मैं कोर्ट जाऊंगा। कोर्ट से पुछूंगा कि शिव बारात में जहां झारखंड सरकार का एक भी रुपया नहीं लगता था, वहां अब 2-3 करोड़ रुपए कैसे खर्च कर दिया, यह किसका पैसा था। आखिर, क्या ऐसी मजबूरी हो गई कि पर्यटन विभाग को शिव बारात का आयोजन अपने जिम्मे लेना पड़ा। इस सबों का हिसाब कोर्ट, सीएजी और लोकायुक्त के पास होगा। शिव बारात को लेकर एनएच पर गेट कौन लगा रहा है। जबकि गेट लगाने की अनुमति एनएच ने हमलोगों की समिति को दे रखी है। अभी तक टेंडर फाइनल नहीं हुआ है। 20 फरवरी को टेंडर फाइनल होगा कि कौन झांकी निकलेगी, कौन सा गेट, लाइट और साउंड लगेगा। अगर टेंडर के पहले काम हो रहा है तो किसी की तो बैक डोर इंट्री हुई है। टेंडर से पहले हो रहे सारे शिव बारात की सारी तैयारियों का वीडियो बनाना मैंने शुरू कर दिया है। झारखंड सरकार के पैसों का बंटरबाट नहीं हो सकता है। निशिकांत दुबे ने कहा कि शिव बारात का मेरे वोट बैंक से कोई मतलब नहीं है। 2020 तक शिव बारात में मेरी कोई भूमिका नहीं रही। जिन लोगों को लगता है कि शिव बारात वोट बैंक है, तो वे गलतफहमी में हैं। यह शुद्ध आस्था का मामला है।
देवघर में डीआईजी से क्राइम कंट्रोल नहीं हो रहा, आईजी तैनात हो
जिले में बढ़ते क्राइम पर निशिकांत दुबे ने कहा कि प्रत्येक जिले में एसपी रैंक के अधिकारी पुलिस कप्तान हैं। लेकिन देवघर में डीआईजी को एसपी बनाकर रखा गया है। लेकिन डीआईजी से भी देवघर नहीं संभल रहा है। यहां की भौगोलिक परिस्थिति कुछ ऐसी है कि जिले की सीमाएं बिहार-बंगाल से सटा हुआ है। मेरा मुख्यमंत्री से आग्रह है कि देवघर में आईजी स्तर के पुलिस अधिकारी की तैनाती करे। इससे देश में एक मैसेज भी जाएगा कि देवघर एक ऐसा जिला है, जहां डीआईजी, एसपी बनकर क्राइम कंट्रोल नहीं कर पाए तो आईजी को तैनात किया गया।
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BJP MP's serious allegation, said- two-three people of Deoghar sold Shiv Baraat to the Chief Minister
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