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चंद्रभानु पासवान |
Milkipur By-election : उत्तरप्रदेश की बहुचर्चित मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव का शनिवार को परिणाम आया। यहां भाजपा ने समाजवादी पार्टी का किला ढाहकर अयोध्या में मिली हार का बदला ले लिया है। आज सुबह जब काउंटिंग शुरू हुई तो BJP के चंद्रभानु पासवान (ChandraBhanu Paswan) बढ़त बनाने लगे, जो हर राउंड में मजबूत होता गया। 27 राउंड के मतों की गिनती के बाद वे 59,084 वोटों से विजयी बढ़त बना चुके थे। उन्हें 1,35,166 और सपा के अजीत प्रसाद को 76,082 वोट मिले थे। तीन राउंड की और गिनती बाकी थी। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अयोध्या से अपने सांसद अवेधश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट दिया था। अवधेश प्रसाद के सांसद बन जाने से यहां उपचुनाव हुए थे। मिल्कीपुर सीट भाजपा (BJP) और सपा (SP) के लिए नाक की लड़ाई बन गई थी। पिछले साल जून में हार के 8 महीने के बाद ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या की हार का कलंक धो दिया है। वे खुद मिल्कीपुर में मोर्चा संभाला हुए थे। योगी ने खुद मिल्कीपुर में कई जनसभाएं कीं। साथ ही, कैबिनेट मंत्रियों और भाजपा संगठन ने मिल्कीपुर में डेरा डाल रखा था। योगी ने किसी भी कीमत पर मिल्कीपुर जीतने का लक्ष्य रखा था। इसका टास्क भी जिम्मेदार नेताओं को दिया था। प्रत्याशी के चयन में भी काफी मंथन करने के बाद आधा दर्जन उम्मीदवारों में से चंद्रभानु पासवान को टिकट दिया गया। योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर में भाजपा के प्रचार की देखरेख के लिए मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अगुवाई में आधा दर्जन मंत्रियों को लगाया था। शाही के साथ जल संसाधन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, सहकारिता राज्यमंत्री जेपीएस राठौड़, आयुष मंत्री दयाशंकर सिंह, राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह और सतीश शर्मा ने खूब पसीना बहाया था। भाजपा ने जिस तरह से जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को एकजुट करने और बूथ लेवल मैनेजमेंट पर काम किया, उसका असर दिखा। अब इसी मॉडल को योगी आदित्यनाथ 2027 के विधानसभा चुनाव तक ले जाने की तैयारी में है।
हार से गुस्से में अखिलेश, बोले-धांधली करके जीती भाजपा
मिल्कीपुर में पार्टी उम्मीदवार अजीत प्रसाद (Ajit Prasad) की हार से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) गुस्से में हैं। उन्होंने भाजपा पर धांधली, हेराफेरी और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। अखिलेश ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- पीडीए की बढ़ती शक्ति का सामना भाजपा वोट के बल पर नहीं कर सकती है, इसीलिए वह चुनावी तंत्र का दुरुपयोग करके जीतने की कोशिश करती है। ऐसी चुनावी धांधली करने के लिए जिस स्तर पर अफसरों की हेराफेरी करनी होती है, वो एक विधानसभा क्षेत्र में तो भले किसी तरह संभव है, लेकिन 403 विधानसभा क्षेत्रों में यह ‘चार सौ बीसी’ नहीं चलेगी। इस बात को भाजपावाले भी जानते हैं, इसीलिए उन्होंने मिल्कीपुर का उपचुनाव टाला था। पीडीए मतलब 90% जनता ने ख़ुद अपनी आंखों से ये धांधली देखी है। आगे लिखा कि यह झूठी जीत है, जिसका जश्न भाजपाई कभी भी आईने में अपनी आंखों-में-आंखें डालकर नहीं मना पाएंगे। उनका अपराधबोध और भविष्य में हार का डर उनकी नींद उड़ा देगा। लोकसभा चुनावों में अयोध्या में हुई पीडीए की सच्ची जीत, उनकी मिल्कीपुर की झूठी जीत पर कई गुना भारी है और हमेशा रहेगी। जिन अफसरों ने चुनावी घपलेबाजी का अपराध किया है, वो आज नहीं तो कल अपने लोकतांत्रिक-अपराध की सज़ा पाएंगे। एक-एक करके सबका सच सामने आएगा। न क़ुदरत उन्हें बख़्शेगी, न क़ानून। भाजपाई उनका इस्तेमाल करके छोड़ देंगे, उनकी ढाल नहीं बनेंगे। जब उनकी नौकरी और पेंशन जाएगी, तो वो अपने बच्चों, परिवार और समाज के बीच अपमान की ज़िंदगी की सजा अकेले भुगतेंगे।
Milkipur Byelection: BJP took revenge of Ayodhya by defeating SP
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