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प्रो. विष्णु चरण महतो |
तारकेश्वर महतो/silli(ranchi) कुरमाली के महान विद्वान प्रो. विष्णु चरण महतो की जयंती 23 फरवरी को है। इनकी जीवनी और कुरमाली भाषा के प्रति इनके संघर्ष को जानते है। नवभाष्कर इनके संघर्ष को नमन करता है। प्रोफेसर विष्णु चरण महतो का जन्म सिल्ली थाना के सिंगपुर कांटाडीह गांव में 23 फरवरी 1926 को हुआ था। सन 1944 में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। सन 1950 में उन्होंने पटना से एलएलबी की डिग्री हासिल की और 1952 में रांची में वकालत शुरू की। वे छोटानागपुर लॉ कॉलेज की रीडर थे लॉ कॉलेज के स्टूडेंट को वे भारतीय संविधान किताब पढ़ाते थे। वे आजाद भारत के एकीकृत बिहार राज्य के रांची जिला के सिल्ली प्रखंड के पहले प्रमुख थे। अभी यह झारखंड की राजधानी रांची जिले के सिल्ली प्रखंड में है।उन्होंने विधानसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए थे। वे कुरमाली के महान विद्वान थे , उन्हीं के प्रयास से रांची यूनिवर्सिटी में कुरमाली भाषा का पठन-पाठन का कार्य शुरू हो सका था। उन्होंने पूर्व सांसद बिनोद बिहारी महतो पूर्व सांसद देवेंद्र नाथ महतो डॉक्टर एच एन सिंह अंगद महतो जगरनाथ महतो लक्ष्मीकांत मुतरुआर आदि कुछ अन्य गणमान्य लोगों के साथ मिल कर कुरमाली भाषा का पठन-पाठन का कार्य शुरू कराया था ।सन 1975 में उन्ही के प्रयास से कुरमाली भाषा परिषद का गठन हुआ था। वर्तमान समय में कुरमाली भाषा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजाराम महतो हैं। विष्णु चरण महतो ने दि हिस्ट्री ऑफ ट्राइबल कुरमिज ऑफ छोटा नागपुर नामक पुस्तक लिखी है जो काफी फेमस है, यह किताब उन्होंने इंग्लिश में लिखा था। I वे कुरमाली भाषा साहित्य के विकास के लिए निरंतर कार्य करते थे। वे इस क्षेत्र के एक मिसाल थे। 1 नवंबर 1986 को उनका निधन हो गया था। वे कानूनविद शिक्षाविद समाजसेवी समाज सुधारक और एक काबिल वकील थे।
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