Deoghar : पड़ोसी जिला बांका के बेलहर थाने में तैनात ट्रेनी दारोगा राजेश कुमार और चांदन थाने में तैनात महिला सिपाही स्वीटी कुमारी ने बाबा बैद्यनाथ मंदिर में बिना दान-दहेज के आदर्श शादी कर समाज में एक मिसाल कायम की है। दोनों के बीच पिछले दो साल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। इस अनोखी शादी में बांका जिले के कई पुलिसकर्मी गवाह बने और वर-वधू को आशीर्वाद देने बैद्यनाथ मंदिर पहुंचे थे। बांका जिले के पुलिस-प्रशासनिक महकमे में इस अनोखी शादी की खूब सराहना हो रही है।
दोनों के परिजनों को नहीं थी प्रेम-प्रसंग की जानकारी
ट्रेनी दारोगा राजेश और महिला सिपाही स्वीटी के दो साल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे, लेकिन दोनों के परिजनों को इसकी भनक नहीं थी। नतीजतन, ट्रेनी दारोगा राजेश महिला सिपाही से शादी से इनकार कर रहा था। मामला बांका जिले के पुलिस कप्तान के पास पहुंचा। दारोगा के घरवाले राजेश की शादी महिला सिपाही से नहीं कराने के पक्ष में थे। वहीं, महिला सिपाही स्वीटी दारोगा राजेश से ही शादी करना चाह रही थी। इस बात को लेकर दोनों परिवारों के बीच पिछले चार दिनों से हाईवोल्टेज ड्रामा चल रहा था।
बेहलर एसपीडीओ ने शादी में निभायी अहम भूमिका
लेकिन बेलहर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) राजकिशोर कुमार की पहल पर ट्रेनी दारोगा के परिजन महिला सिपाही से राजेश की शादी कराने को तैयार हो गए। इसके बाद वर-वधू के साथ दोनों के परिजन बीती रात देवघर पहुंचे और बाबा बैद्यनाथ मंदिर प्रांगण में ट्रेनी दारोगा और महिला सिपाही ने भोलेनाथ को साक्षी मान कर सात फेरे लिये। इस शादी में सबसे अच्छी बात यह थी कि महिला सिपाही की ओर से एक भी रुपए दान-दहेज नहीं दिया गया।
कई पुलिसवाले अनोखी शादी के बने गवाह
शादी में बांका जिले के कई थानों के इंस्पेक्टर, दारोगा, जमादार और सिपाहियों ने सिपाहियों ने शिरकत की और वर-वधू को आशीर्वाद दिया। बेलहर एसडीपीओ राजकिशोर कुमार ने बताया कि दोनों के बीच पिछले दो साल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। ट्रेनी दारोगा के परिवार वाले की नासमझी की वजह से शादी में देरी हुई। लेकिन दोनों ही परिवार के लोगों ने हालात को समझा और शादी को राजी हुए।
Trainee sub-inspector fell in love with a female constable, got married in Baidyanath temple without dowry
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