GA4-314340326 आचार्य कभी सेवानिवृत नहीं होता, परंतु सेवा से निवृत होना पड़ता है: सिन्हा

आचार्य कभी सेवानिवृत नहीं होता, परंतु सेवा से निवृत होना पड़ता है: सिन्हा

Girirdih / Amit Sahay बरगंडा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में दो आचार्य की सेवानिवृत्ति पर स्नेह मिलन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। आचार्य झूपर महतो एवं अर्जुन प्रसाद वर्मा की सेवानिवृत्ति पर प्रधानाचार्य आनंद कमल ने पुष्प-गुच्छ देकर सम्मानित किया।वहीं विद्यालय परिवार की ओर से दोनों आचार्य को अंगुठी,वस्त्र,शाल,मिठाई,ट्राली बैग आदि उपहार प्रदान किए गए। इसके साथ ही उन्हें अर्जित अवकाश की राशि प्रदान की गई। मौके पर समिति उपाध्यक्ष सतीश्वर प्रसाद सिन्हा उपस्थित हुए। इस मौके पर प्रधानाचार्य ने कहा कि दोनों सहकर्मी बंधु ने लंबे समय से आचार्य के रूप में निष्ठापूर्वक अध्यनरत बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का कार्य किया है। विद्या भारती योजनानुसार लंबे समय तक विद्यालय को अपनी सेवा प्रदान किया है जो सराहनीय है,प्रशंसनीय है। विद्यालय परिवार उनके उत्तम स्वास्थ्य एवं उज्जवल भविष्य की मंगल कामना करता है। सतीश्वर प्र सिन्हा ने कहा कि एक आचार्य कभी सेवानिवृत नहीं होता,परंतु व्यवस्था के निमित्त सेवा से निवृत होना पड़ता है अर्थात जीवन के एक पड़ाव का अंत कर दूसरे पड़ाव का शुभारंभ करते हैं।वहीं बीते हुए पलों को साझा किया। सेवानिवृत्ति आचार्य झूपर महतो ने कहा कि विद्यालय का विकास तभी संभव है जब टीम भावना से कार्य किया जाए। मैं आशा करता हूं कि आने वाले दिनों में समस्त आचार्य दीदी विद्यालय को ऊंचाई पर ले जाएंगे।अर्जुन प्रसाद वर्मा ने कहा कि विद्यालय की ओर से जो हमें भाव एवं स्नेह  मिला है वह स्मरणीय रहेगा।सभी मिलकर विद्यालय को ऊंचाइयों पर ले जाएं यही मेरी शुभकामना है।कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रदीप सिन्हा, अजित मिश्रा,राजेंद्र लाल बरनवाल,नलिन कुमार, सरिता कुमारी, मोनालिसा, मनीषा पांडेय एवं समस्त आचार्य दीदी का सराहनीय योगदान रहा।


Acharya never retires, but has to retire from service: Principal

Post a Comment

please do not enter any spam link in the comment box.

और नया पुराने