GA4-314340326 अनुज महीनों जमशेदपुर में छुपा रहा और पुलिस को भनक तक नहीं लगी

अनुज महीनों जमशेदपुर में छुपा रहा और पुलिस को भनक तक नहीं लगी

सरयू राय ने कहा, अनुज कनौजिया के पीछे कौन था, पुलिस उजागर करे
* इस मुठभेड़ को हल्के में न ले पुलिस  * कौन सी ताकतें हैं, जिन्होंने अनुज को छुपाए रखा
* स्पेशल ब्रांच और थाने को अनुज की सूचना क्यों न मिल सकीं * एसटीएफ गठित करें या सीबीआई से जांच करवाएं  * यूपीएटीएस से भी सहयोग लिया जाना चाहिए

इनसेट में अनुज कनौजिया, विधायक सरयू राय (फाइल फोटो)।
Jamshedpur : जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सूरयू राय ने कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के एटीएस (आतंक निरोधी दस्ता) द्वारा जमशेदपुर के गोविंदपुर में छुपे यूपी के दुर्दांत अपराधी रहे मुख्तार अंसारी के शूटर अनुज कनौजिया का एनकाउंटर किया जाना, एनकाउंटर के दौरान यूपी के पुलिस अधिकारी के हाथ में गोली लगना एक सामान्य घटना नहीं है। जमशेदपुर पुलिस को इस घटना को गंभीरता से लेना होगा और इसके पीछे छुपे चेहरों को उजागर करना होगा, ताकि बाहर के अपराधी यहां आकर महीनों छुप न सकें और किसी वारदात को अंजाम न दे सकें। यहां जारी एक बयान में राय ने कहा कि यूपी का दुर्दांत अपराधी जमशेदपुर आकर महीनों छुपा रहता है, तो इसके पीछे जमशेदपुर के किसी न किसी गिरोह का हाथ संभव है। अनुज कनौजिया जमशेदपुर बिना किसी मकसद के क्यों आएगा। जमशेदपुर के आपराधिक अथवा राजनीतिक जगत की कौन सी ऐसी शक्तियां हैं, जिन्होंने इसे जमशेदपुर बुलाया और महीनों छुपा कर रखा? इन शक्तियों का इसके पीछे क्या मकसद था, इसकी पड़ताल आवश्यक है। यह भी आश्चर्यजनक है कि जिस थाना क्षेत्र में बाहर का दुर्दांत अपराधी आकर रहता है, उसकी सूचना थाना तथा पुलिस की संबंधित विशेष शाखा को नहीं हो पायी। ऐसा लगता है कि पुलिस का सूचना तंत्र थाना स्तर पर कामयाब नहीं रहा। अब, जबकि इस मामले में एकाध गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, तो अनुज कनौजिया के जमशेदपुर आने का असली उद्देश्य क्या था और इसके पीछे प्रत्यक्ष और परोक्ष रुप से किनका हाथ था, इसका रहस्योद्घाटन कठिन नहीं है। संभव है कि अनुसंधान के दौरान प्रभावशाली स्तर से पुलिस पर दबाव आए और पुलिस को निष्पक्ष अनुसंधान करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़े। 

मामले की जांच एटीएस या सीबीआई से कराएं

सरयू राय ने कहा कि इस संभावना को ध्यान में रखते हुए और मामले का एक से अधिक राज्यों से संबंध होने के कारण इसकी जांच के लिए एटीएस (स्पेशल टास्क फोर्स) का गठन किया जाए या इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए। जब यूपी एटीएस विगत कई दिनों से अनुज कनौजिया के बारे में सटीक सूचनाएं जमा कर रहा था, तब उन्होंने वैसे लोगों की शिनाख्त जरूर की होगी, जिन्होंने इस दुर्दांत अपराधी को आश्रय प्रदान किया था तथा अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए कनौजिया को जमशेदपुर बुलाया था। इस मामले की जांच में यूपीएटीएस द्वारा एकत्र की गई सूचनाओं को भी जमशेदपुर पुलिस को मंगाना चाहिए और जांच प्रक्रिया में यूपीएटीएस का भी सहयोग लिया जाना चाहिए। 

अनुज कनौजिया को जमशदेपुर किसने बुलाया, यह बड़ा सवाल है

राय ने कहा कि यह महज संयोग नहीं हो सकता कि जिस मकसद से अनुज कनौजिया को किसी खास प्रभावशाली समूह द्वारा जमशेदपुर बुलाया गया था, वह उद्देश्य पूरा होने के पहले ही वह यूपी एटीएस के हाथों मारा गया। जितने दिनों से अनुज कनौजिया जमशेदपुर में था, अवश्य ही उसे लाने वालों ने उसका इस्तेमाल करने की योजना बनाई होगी और योजना को अंजाम देने का प्रयास भी किया होगा। परिस्थिति अनुकूल नहीं होने के कारण यह योजना अभी तक कामयाब नहीं हुई होगी और इसी बीच यूपी एटीएस के एनकाउंटर में अनुज मारा गया। संभव है कि अगर वह मारा नहीं गया होता, तो कुछ दिनों में जमशेदपुर के अपराध जगत में भी कोई न कोई संगीन कारनामा हो सकता था। जमशेदपुर पुलिस की जांच में इन सभी आयामों पर अनुसंधान होना चाहिए। अनुज कनौजिया जितने दिनों तक छुप कर रहा था, उतने दिनों तक उसकी गतिविधियों तथा उसे यहां लाने वालों और छुपा कर रखने वालों की गतिविधियों और उनके संपर्क सूत्रों की भी छानबीन होनी चाहिए। इस संबध में आवश्यक सूचनाएं एकत्र की जानी चाहिए ताकि जमशेदपुर के आम नागरिक आश्वस्त हो सकें कि झारखंड के भीतर या बाहर का कोई भी आपराधिक गिरोह यहां की कानून व्यवस्था पर हमला करने में कामयाब नहीं होगा।


Anuj remained hidden in Jamshedpur for months and the police did not even get a clue

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