* बाबा बैद्यनाथ को जलार्पण करने उमड़ी भक्तों की भीड़
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कलश स्थापन कर पूजा करते सरदार पंडा। |
Deoghar : देवनगरी में चैत्र नवरात्र यानी बासंती नवरात्र की विशेष महत्ता है। ज्योतिर्लिंग होने के साथ-साथ देवघर शक्तिपीठ भी है। यहां माता का हृदय गिरा था। इस कारण यहां शक्ति के पूजा चारों कल्पों में होती है। चैत्र नवरात्र के पहले दिन रविवार सुबह से ही बैद्यनाथ मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। बाबा मंदिर में पूजा पाठ की एक अलग परंपरा सरदार पंडा के समय से चली आ रही है। रविवार को सरदार पंडा गुलाबनंद ओझा ने भीतरखंड में कलश स्थापन किया। इसके बाद चार अखंड ज्योति की पूजा हुई। पार्वती मंदिर में दो अखंड ज्योति, एक त्रिपुरसुंदरी, एक माता संध्या और एक माता काली मंदिर में जलाया गया। यह अखंड ज्योति नौ दिनों तक शक्ति मंदिरों में अनवरत जलती रहेगी। चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को वासंतिक नवरात्रा के लिए शहर के विभिन्न पूजा मंडपों व पूजा पंडालों में कलश स्थापना के साथ रविवार को मां की आराधना शुरू हो गई।बाबा बैद्यनाथ मंदिर के आसपास में चैत्र नवरात्र में माता की प्रतिमा सप्तमी तिथि को स्थापित कर पूजा अर्चना की जाती है। शहर के भैया दलान, घड़ीदार घर, बंगला पर, बैद्यनाथ लेन, बिलासी टाउन, हाथी पहाड़, भुरभुरा चौक पर स्थित दुर्गा मंदिर, भैरव घाट और त्रिकूट पहाड़ पर माता की पूजा-अर्चना की जा रही है।
Chaitra Navratri: Sardar Panda installed the urn in Baidyanath temple, eternal flame lit in Shakti temples
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