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गंगा आरती करते सनातनी |
angara(ranchi) हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2082 के मौके पर रविवार को गेतलसूद स्थित स्वर्णरेखा नदी में गंगा आरती का आयोजन हुआ। गंगा आरती के बाद देवताओं का आरती वंदना की गई। द्वीप प्रज्जवलित कर उसे गंगा में प्रवाहित किया गया। मुख्य अतिथि गेतलसूद के उपमुखिया शंकर बैठा थे। क्षेत्र में शांति व समृद्धि बनी रहे इसके लिए प्रार्थना की गई। पूजन कार्य पं. ईश्वरचन्द्र गोस्वामी, दिगंबर दास गोस्वामी व बटेश्वर दास गोस्वामी ने की। पूजन के बाद प्रसाद का वितरण हुआ। इस अवसर पर महावीर मंडल गेतलसूद के अध्यक्ष संतोष कुमार सिन्हा, महावीर मंडल गेतलसूद के महामंत्री संजय नायक, संजय महतो, शुभम गोस्वामी, धरमवीर नायक, देवेन महतो, जीतून महतो, राजेश लोहरा, प्रवेश प्रसाद सहित अन्य उपस्थित थे।
ईसा पूर्व 57 वर्ष सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करके लिया शकारी विक्रमादित्य की उपाधि, तभी से शुरू हुआ विक्रम संवत वर्ष प्रतिपदा: उपमुखिया शंकर बैठा
शंकर बैठा ने कहा कि ईसा पूर्व 57 वर्ष सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित किया और शकारी विक्रमादित्य की उपाधि प्राप्त की तब से हम विक्रम संवत वर्ष प्रतिपदा के रूप में मनाते आ रहे है। इसी दिन चैत्र नवरात्र प्रारंभ होता है और प्रकृति में परिवर्तन दिखाई देने लगता है। कहा कि हिन्दू सनातन संस्कृति धर्म नही जीवन दर्शन है। हिन्दू सनातन जीवन पद्धति को अपनाकर मनुष्य स्वस्थ रह सकता है। वैज्ञानिकता पर पूरा हिन्दू जीवन पद्धति आधारित है। गंगा आरती का भी हिन्दू धर्म में महत्व बताया गया है।
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