गिरिडीह से रांची रेफर, जाने के क्रम में शिशु की मौत, पैसे लेने का लगाया आरोप
Gawan (Giridih) : सरकारी व्यवस्था का जवाब नहीं। जहां झारखंड सरकार स्वास्थ्य विभाग के लिए इस वर्ष 7470.50 करोड़ रुपए का बजट पेश कर इसमें सुधार करने की बात कर रही है। वहीं दूसरी ओर अपनी आदतों से मजबूर स्वास्थ्य विभाग के कर्मी अपनी कारनामों से व्यवस्था की पोल खोलने में लगे हुए हैं। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। जहां एक महिला को प्रसव के लिए अस्पताल ले जाने के एवज में 108 एम्बुलेंस सेवा के कर्मी से दो सौ रुपए 200 रुपय लिए। प्रसव के बाद गिरिडीह रेफर किए गए उक्त महिला और शिशु को पैसे की लालच में गिरिडीह न ले जाकर तिलैया के एक नीजी अस्पताल में पहुंचाया जाता है। मिली जानकारी के अनुसार, 15 मार्च को सुबह तिसरी के धोवापाट निवासी मंटू यादव की गर्भवती पत्नी शगुनती देवी को 108 एम्बुलेंस सेवा वाहन के माध्यम से गांवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां चिकित्सक एवं नर्स की सहायता से महिला का प्रसव कराया गया। इस दौरान प्रसव करवा रही नर्स शमी कुमारी पर ₹1000 लेने का पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया है। प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा दुरुस्त नहीं रहने के कारण उसे 108 एम्बुलेंस के माध्यम से उसे गिरिडीह रेफर किया गया लेकिन एंबुलेंस कर्मी के द्वारा गिरिडीह न ले जाकर उसे झूमरी तिलैया में डॉक्टर नरेश कुमार पंडित के पास भर्ती कराया गया। जहाँ 24 घंटा रहने के बावजूद भी बच्चा स्वस्थ नहीं रहने के कारण उसे रांची रेफर कर दिया गया। रांची जाने के दरमियान बच्चे रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जिसके बाद परिजनों न ने निजी गाड़ी के द्वारा मृत बच्चे को अपने घर ले आए। अब सवाल यह उठता है कि एंबुलेंस कर्मी को गांवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से गिरिडीह रेफर किया गया था तो उसे गिरिडीह ना ले जाकर उसे तिलैया कैसे पहुंचा दिया गया। जब इस संबंध में डॉक्टर महेश्वरम से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हम लोगों के द्वारा यहां से रेफर गिरिडीह किया गया है लेकिन एंबुलेंस कर्मी के द्वारा ऐसी हरकत की गई है जो कि घोर निंदनीय है।
Giridih: Mother and child referred from Gaonwa were taken to Tilaiya by 108 ambulance instead of Giridih
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