* पढ़िए और जानिए क्या है हरि और हर का मिलन
* होलिका दहन के दिन क्यों मनाते हैं देवघर के लोग
Deoghar: होली पर देवघर में हरि-हर मिलन की परंपरा है। गुरुवार को फाल्गुन पूर्णिमा के अवसर शाम में हरि और हर का मिलन होगा। इसे ही हरि-हर मिलन कहा जाता है। शहरवासी पहले बाबा बैद्यनाथ को गुलाल अर्पित करेंगे, फिर होली मनाएंगे। गुरुवार को देवघर में सुखी होली होगी और शुक्रवार को रंगों से होली खेली जाएगी। बैद्यनाथ मंदिर के इस्टेट पुजारी श्रीनाथ मिश्र ने बताया कि गुरुवार शाम 4 बजे बाबा मंदिर का पट बंद हो जाएगा। इसके बाद बाबा मंदिर स्थित भीतरखंड कार्यालय के राधा कृष्ण मंदिर से राधा-कृष्ण को बाबा मंदिर की परिक्रमा कराते हुए पालकी में बैठाकर ढोल-बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। उन्हें पालकी में बैठाकर आजाद चौक स्थित दोल मंच ले जाया जाएगा। जहां पर भगवान श्री कृष्ण को झूले पर झुलाया जाएगा। फाल्गुन पूर्णिमा को लेकर बाबा बैद्यनाथ को मालपुआ एवं अन्य प्रकार के नैवेद्य का भोग लगाया जाएगा। आजाद चौक स्थित दोल मंच में श्री कृष्ण को झूले पर झूलाया जाएगा एवं अबीर-गुलाल चढ़ाया जाएगा। रात 11 बजे होलिका दहन किया जाएगा। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण को दोल मंच से बाबा मंदिर लाकर रात 11.30 बजे श्री कृष्ण एवं बाबा बैद्यनाथ के शिवलिंग को स्पर्श कराते हुए हरि-हर का मिलान कराया जाएगा। हरि का मतलब विष्णु एवं हर मतलब बाबा बैद्यनाथ। भगवान विष्णु के द्वारा ही बाबा बैद्यनाथ को यहां पर फाल्गुन पूर्णिमा के दिन स्थापित किया गया था। इसीलिए देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में सिर्फ बैद्यनाथधाम में ही हरिहर मिलन की परंपरा है।
होली के रंग में रंगे बाबा और श्रद्धालु
Hari-Har will meet this evening, the citizens will offer gulal to Baba Baidyanath, Malpua will be offered, then Holi will be celebrated in Deoghar
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