Deoghar : हार्दपीठ वैद्यनाथ फाउंडेशन की ओर से दो दिवसीय श्री वैद्यनाथ प्राकट्य महोत्सव का आयोजन 8 और 9 मार्च को किया गया है। यह जानकारी संस्था के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र नाथ ठाकुर ने भारती पुस्तकालय में आयोजित प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि 8 मार्च को सुबह 9 बजे शिवगंगा तट से भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी, जो नगर भ्रमण करते हुए वैद्यनाथ मंदिर तक जाएगी। इसके बाद बाबा वैद्यनाथ का महारुद्राभिषेक होगा। वहीं 9 मार्च को शाम में बाबा वैद्यनाथ मंदिर के प्रांगण में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। डॉ. ठाकुर ने बताया कि आयोजन को लेकर संस्था की ओर से तैयारी अंतिम चरण में है। संस्था के राजदेव मिश्र, डॉ. परशुराम तिवारी, भगवान धन मिश्र, रुपेश मिश्र, विनय नारायण खवाड़े, छवि शंकर पंडित समेत अन्य सदस्य महोत्सव को सफल बनाने में जुटे हुए हैं।प्रेसवार्ता में शामिल फाउंडेशन के पदाधिकारी।
बैद्यनाथ के आगमन दिवस को प्राकट्य दिवस के रूप में मनाएंगे
डॉ. ठाकुर ने बताया कि संस्था की ओर से विगत तीन साल से बाबा बैद्यनाथ के आगमन अर्थात श्री वैद्यनाथ प्राकट्य दिवस को संस्था की ओर से मनाया जा रहा है। वैद्यनाथ के प्राकट्य दिवस को लेकर दो मत प्राय: मिलते हैं। कामेश्वर सिंह विवि दरभंगा और काशी हिंदू विवि, वाराणसी से प्रकाशित पंचांगों में शिवरात्रि के दिन श्री वैद्यनाथ प्राकट्य दिवस का उल्लेख मिलता है। जबकि दूसरा मत हरिहर मिलन की परंपरा को मानने वाला है। होलिकोत्सव के दिन हरिहर मिलन के दिन बैद्यनाथ प्र्रतिष्ठा दिवस को मनाया जाता है। भगवान शिव का प्राकट्य शिवरात्रि के दिन हुआ था और आनंद रामायण इसका प्रमाण है। इसमें महालिंग की उत्पत्ति हुई थी। इसके बाद भगवान शिव ने महालिंग को बारह भागों में विभक्त किया है, जो 12 ज्योर्तिलिंग कहलाए। हर ज्योर्तिलिंग का अलग-अलग दिनों में अवतरण दिवस होता है। जैसे कार्तिक मास में भगवान विश्वनाथ का प्राकट्य दिवस है और शिवरात्रि में वैद्यनाथ का। लेकिन लोकमत में हरिहर मिलन को माना जाता है। इसलिए दोनों परंपरा को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए हमलोग फाल्गुन मास में ही किसी एक दिन श्री वैद्यनाथ प्राकट्य दिवस मनाते हैं।
Shri Baidyanath Prakatya Mahotsav on 8th and 9th March, grand procession will take place, Maharudrabhishek will take place
एक टिप्पणी भेजें
please do not enter any spam link in the comment box.