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रामकथा का अमृतपान लेते केशव महतो कमलेश |
angara(ranchi) श्रीराम मंदिर जोन्हा में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा का रविवार की देर रात समापन हुआ। समापन मौके पर कांग्रेस के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने रामकथा का अमृतपान करने पहुंचे। अंतिम दिन अयोध्या से आयी कथावाचिका सुश्री शैलप्रिया ने रामराज्य स्थापना का वर्णन किया। कहा कि राम हर युग में प्रासंगिक है। रामकथा संपुर्ण जीवन दर्शन है, इसमें एक तरफ प्राणी का अवसरवादिता स्वभाव स्पष्ट है तो दुसरी तरफ भ्राताओं का आत्म-विनीत प्रेम है। राम व भरत युगों तक भ्राता प्रेम के उदाहरण बने रहेंगे। श्रीराम कथा प्राणी को सत्य, धर्म और मर्यादा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है, जिससे जीवन में सद्गुण आते हैं और व्यक्ति का कल्याण होता है। कहा कि धरती पर अत्याचार बढ़ने पर प्रभु श्रीहरि स्वयं अवतरित होकर सत्य और धर्म की स्थापना करते है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम की लीला प्राणियों को सद्मार्ग दिखाने के लिए था. श्रीराम प्रत्येक लीला में धर्म की मर्यादा का पालन करते है। जीवन में संयम हो, सदाचार हो और मर्यादा का पालन हो, तो जीवन संवरता है। मानव का जीवन शास्त्र मर्यादा के अनुसार होना चाहिए। श्रीराम का अवतरण धरती पर अधर्म का नाश और धर्म का स्थापना करने के लिए हुआ था। श्रीराम सभी सद्गुणों के भंडार हैं, मातृभक्ति, पितृ भक्ति, भातृ प्रेम, प्रजा से स्नेह, मधुर वाणी, सदाचार आदि दिव्य गुण प्रभु श्रीराम में समावेश है। हर मनुष्य को श्रीराम की लीला और मर्यादा का पालन करना चाहिये। इस अवसर पर कथा पंडाल श्रद्धालुओं से खचाखच भरा था। गांव की बच्चियों ने रामराज्य स्थापना की मनमोहन झांकी प्रस्तुत किया।
भंडारा में शामिल एक पांच हजार श्रद्धालु
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आयोजन समिति के सदस्य |
आयोजन समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार साहू ने बताया कि अंतिम दिन भंडारा में 5 हजार से अधिक लोग शामिल हुए। हालांकि प्रतिदिन भंडारा का आयोजन हो रहा था। रामकथा का अमृतपान करने आसपास के गांव से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे थे। एक दशक से अधिक समय से जोन्हा में भव्य रामकथा का आयोजन होता आ रहा हे। इसमें स्थानीय व्यवसायी समाज, आयोजन समिति के स्वयंसेवकों का उल्लेखनीय योगदान रहा है। आयोजन को सफल बनाने में कार्यकारी अध्यक्ष बलराम साहू, सीताराम साहू, मधुसूदन साहू, विनोद मिश्रा, संदीप साहू, प्रदीप साहू, विकास साहू, वसंत साहू, निवारण साहू, परमेश्वर साहू, किशोर साहू, प्रकाश साहू, सूरज साहू, अजय मंडल, परमेश्वर माली, विनय साहू, उदय साहू, पंकज गुप्ता, कृष्णा साहू, श्रीराम साहू आदि का योगदान रहा।
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