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विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर सम्मानित करते वीसी डॉ. सुनील चंद्र दुबे और अन्य। |
झारखंड में हैं 957 पशुचिकित्सक
वेटनरी कॉलेज के डीन डॉ एमके गुप्त ने कहा कि भारत में पशु-पक्षियों की आबादी भी मनुष्य के समान ही है। लेकिन उनकी सेवा के लिए मात्र 85 हजार पंजीकृत पशु चिकित्सक हैं। झारखंड में पंजीकृत पशु चिकित्सकों की संख्या केवल 957 है। इसलिए पशुओं के समुचित स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए मेडिकल और सर्जिकल वेटनरी सहायक, क्रिटिकल केयर के लिए आईसीयू सहायक, प्रयोगशाला और रेडियोग्राफी के लिए वेटनरी सहायक तथा इकोकार्डियोग्राफी, डायलिसिस आदि के लिए वेटनरी टेक्नीशियन स्पेशलिस्ट की आवश्यकता है। ऐसे पारा मेडिकल मानव संसाधन को तैयार करने के लिए पशुचिकित्सा महाविद्यालयों में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और टेक्नीशियन पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ जगरनाथ उरांव, कुलसचिव डॉ शैलेश चट्टोपाध्याय तथा वक्तृत्व कला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र राहुल यादव ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर महाविद्यालय के अवकाश प्राप्त वयोवृद्ध शिक्षक डॉ स्वराज ठाकुर, डॉ चंद्रमणि प्रसाद, डॉ रवीन्द्र भगत तथा पशु औषधि निर्माता कंपनी विरबैक के क्षेत्रीय व्यवसाय प्रबंधक श्याम सुंदर लाल को सम्मानित किया गया।
World Veterinary Day was organised in BAU
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