GA4-314340326 संवेदना के साथ करें पशुओं का इलाज : डॉ एससी दुबे

संवेदना के साथ करें पशुओं का इलाज : डॉ एससी दुबे

विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर सम्मानित करते वीसी डॉ. सुनील चंद्र दुबे और अन्य।

kanke (Ranchi)
: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के रांची वेटनरी कॉलेज में शनिवार को विश्व पशुचिकित्सा दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बीएयू वीसी डॉ एससी दुबे ने पशुचिकित्सकों से पशु पक्षियों का इलाज पूरी संवेदना के साथ करने की बात कही। कहा कि पशु चिकित्सकों का दायित्व रोगों के प्रबंधन,नियंत्रण के साथ उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना भी है। कहा कि रोग या आपदा प्रबंधन की तुलना में स्वास्थ्य प्रबंधन बहुत बड़ा टर्म है। उन्होंने कहा कि पशु-पक्षी अपनी तकलीफ और वेदना को व्यक्त नहीं कर सकते हैं। ऐसे में उनमें मौजूद लक्षणों के आधार पर कारण को समझना पड़ता है। इसलिए पशु चिकित्सकों का कार्य मानव के चिकित्सकों से ज्यादा कठिन और चुनौतीपूर्ण है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के पशु औषधि विभाग के अवकाश प्राप्त अध्यक्ष डॉ शमशुल हक ने कुत्तों में डायलिसिस की प्रक्रिया और उसके महत्व पर अपने विचार रखा। कहा कि पशु चिकित्सकों के पेशे को पहचान और सम्मान प्रदान करने के लिए विश्व पशु चिकित्सा संघ ने वर्ष 2000 में विश्व पशु चिकित्सा दिवस मनाने की शुरुआत की। संघ के वैश्विक बैनर के तहत दुनिया के 80 से अधिक संगठन प्रतिवर्ष अप्रैल माह के आखिरी शनिवार को यह दिवस मनाते हैं। पशु चिकित्सकों को अपने पेशा पर हमेशा गर्व करना चाहिए कि उन्होंने मूक प्राणी की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर रखा है। 

 झारखंड में हैं 957 पशुचिकित्सक 

 वेटनरी कॉलेज के डीन डॉ एमके गुप्त ने कहा कि भारत में पशु-पक्षियों की आबादी भी मनुष्य के समान ही है। लेकिन उनकी सेवा के लिए मात्र 85 हजार पंजीकृत पशु चिकित्सक हैं। झारखंड में पंजीकृत पशु चिकित्सकों की संख्या केवल 957 है। इसलिए पशुओं के समुचित स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए मेडिकल और सर्जिकल वेटनरी सहायक, क्रिटिकल केयर के लिए आईसीयू सहायक, प्रयोगशाला और रेडियोग्राफी के लिए वेटनरी सहायक तथा इकोकार्डियोग्राफी, डायलिसिस आदि के लिए वेटनरी टेक्नीशियन स्पेशलिस्ट की आवश्यकता है। ऐसे पारा मेडिकल मानव संसाधन को तैयार करने के लिए पशुचिकित्सा महाविद्यालयों में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और टेक्नीशियन पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ जगरनाथ उरांव, कुलसचिव डॉ शैलेश चट्टोपाध्याय तथा वक्तृत्व कला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र राहुल यादव ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर महाविद्यालय के अवकाश प्राप्त वयोवृद्ध शिक्षक डॉ स्वराज ठाकुर, डॉ चंद्रमणि प्रसाद, डॉ रवीन्द्र भगत तथा पशु औषधि निर्माता कंपनी विरबैक के क्षेत्रीय व्यवसाय प्रबंधक श्याम सुंदर लाल को सम्मानित किया गया।

World Veterinary Day was organised in BAU


  

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