* मामला कुंडा के प्राइवेट अस्पताल का बिल चुकता नहीं करने पर लाश को बंधक बनाने का
* स्वास्थ्य मंत्री पहुंचे कुंडा के मेधा सेवा सदन, डॉ. संजय से ली मामले की जानकारी
![]() |
मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी लेते स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी। |
परिजनों ने 10 हजार कैसे जुटाए, जानने की कोशिश नहीं हुई
उधर, मृतक कन्हैया कापरी की मां वीणा देवी, मौसी, बहनोई समेत अन्य परिजनों का कहना है कि अस्पताल में करीब 40 हजार रुपए का इलाज, दवा आदि का बिल बना था। लेकिन उतने पैसे हमलोगों के पास नहीं थे। इस कारण लाश देने से अस्पताल ने इनकार कर दिया था। फिर चंदा कर किसी तरह हमलोगों ने दस हजार जुटाए। अस्पताल वाले आखिर में 15 हजार मांग रहे थे। लेकिन 15 हजार का जुगाड़ नहीं हो सका तो 10 हजार देकर हाथ जोड़ लिया। तब जाकर अस्पताल से लाश ले जाने दिया था।
पांच सदस्यीय टीम करेगी मामले की जांच
बिल चुकता नहीं करने पर कन्हैया कापरी की लाश को बंधक बनाए जाने के मामले में जांच को पांच सदस्यीय टीम कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी का नेतृत्व सिविल सर्जन डॉ. युगल किशोर चौधरी करेंगे। टीम ने उनके साथ एसीएमओ डॉ. पीके शर्मा, डॉ. अभय यादव, डॉ. श्याम सुंदर सिंह, डॉ. अमरीश ठाकुर को भी शामिल किया गया है। मंत्री ने दो दिनों के भीतर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।
45 हजार का बिल था, 10 हजार दिया था, बंधक बनाने का आरोप गलत : डॉ. संजय
कुंडा के मेधा सेवा सदन के संचालक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि मृतक के परिजनों के आरोप में जरा भी सच्चाई नहीं है। अस्पताल में सभी जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। उसकी जांच की जा सकती है। इस तरह की खबरें सरकार और डॉक्टर समुदाय को बदनाम करने की साजिश है। एक अप्रैल को मरीज को गंभीर हालत में लाया गया था। मरीज की कलाई की हड्डी कट कर अलग हो गई थी। हाथ काला होने की संभावना थी। उसे ठीक करने का प्रयास किया गया। मरीज को 24 घंटे बाद ही बाहर ले जाने की सलाह दी गई थी। लेकिन परिजन मरीजों को नहीं ले गए। आखिरकार मरीज की मृत्यु हो गई। इसके बाद परिजनों की न मुझसे मुलाकात हुई और न ही मैनेजर से। दवा दुकान में भी मरीज का दस हजार बकाया है। मरीजों को वेटिलेंटर पर रखा गया था। विधायक सुरेश पासवान ने फोन कर बिल में पांच हजार रुपए छोड़ने को भी कहा था। मरीज का कुल 45 हजार के आसपास बिल बना था। अंतत: दस हजार रुपए परिजनों ने दिया। अब इसे समाज और मीडिया जिस रूप में ले। हमलोग अपना काम करते रहेंगे। गरीबों के प्रति समर्पित भाव से इलाज चलता रहेगा।
The family had paid the hospital bill by collecting donations, the Health Minister said – we will get it investigated
एक टिप्पणी भेजें
please do not enter any spam link in the comment box.