NBR/ Mandar
झारखंड सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा संचालित इंस्टीट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट (आईएचएम) राँची में प्रमोशन एंड एडवरटाइजिंग ऑफ़ लेजर एक्टिविटी फॉर सस्टेनेबिलिटी ऑफ हॉस्पिटैलिटी (पलाश) विषय पर यात्रा, पर्यटन, आतिथ्य और संस्कृति पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 2022 का आयोजन किया गया l अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के मुख्य अतिथि झारखण्ड सरकार के माननीय राज्यपाल श्री रमेश बैस, गेस्ट ऑफ़ ऑनर गेस्ट ऑफ़ ऑनर के रूप में योजना एवं विकास विभाग के सचिव, श्री राहुल शर्मा एवम श्री राहुल कुमार सिन्हा, पर्यटन निदेशक मौजूद थे।स म्मलेन के मुख्य संरक्षक के रूप में आईएचएम रांची के प्राचार्य डॉ. भूपेश कुमार, अध्यक्ष, सम्मेलन के संयोजक एवं आयोजन सचिव आईएचएम के विभागाध्यक्ष, श्री अलोक असवाल मौजूद थे| सम्मेलन के सलाहकार और अनुसंधान समिति में डॉ. असद मोहिसन, यूनिवर्सिटी ऑफ़ वैकाटो, न्यूजीलैंड, प्रोफेसर महाराज विजय रेड्डी, बर्मिंघम सिटी बिज़नेस स्कूल, बर्मिंघम, यूनाइटेड किंगडम, निशीथ श्रीवास्तव, प्राचार्य, आईएचएम कोलकाता, डॉ. आनंद कुमार सिंह, प्राचार्य, आईएचएम भोपाल, अरघा चक्रवर्ती, प्राचार्य, आईएचएम गुरदासपुर, उपस्थित थे|
अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन 2022 की शुरुवात दिनांक 11 मार्च 2022 को दीप प्रज्वलन व गणेश वंदना तथा संस्थान के प्राचार्य डॉ. भूपेश कुमार द्वारा उपस्थितगणो के स्वागत भाषण के साथ किया गया| उन्होंने बताया की उपस्थित लोगो की अभिनन्दन करते हुए बताया की आईएचएम रांची के सभी शिक्षक,कर्मचारी एवं छात्रों को इस सम्मेलन के सफल बनाने में सहयोग करने के लिए धन्यबाद भी किया साथ ही बताया ही आईएचएम रांची भविष्य में भी इस तरह की सम्मलेन करता रहेगा जिसका लाभ छात्रों के साथ साथ सम्मलित लोगों को भी मिलेगा | गेस्ट ऑफ़ ऑनर श्री राहुल शर्मा सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए दिए गए सम्मान के लिए अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए बताया की जट का महत्व इससे समझ सकते हैं की पूरे अर्थव्यवस्था के 10 प्रतिशत पर्यटन से आता है। हमारा राज्य अभी पर्यटन के क्षेत्र पिछड़ा है इसका कारण यह है कि यहां निवेश की कमी है जिसके कारण रोजगार भी कमी है| किसी भी राज्य का महत्व एवम विकास में पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है जैसे जम्मू काश्मीर, केरल या हिमाचल हैं जहां पर्यटन अहम भूमिका निभा रहे हैं। अतः पर्यटन के विकास से ही राज्य के साथ साथ स्थाई लोगों को भी लाभ होगा। पर्यटन के अलावा दूसरे क्षेत्र जैसे की शिक्षा क्योंकि राज्य के छात्रों एवम अन्य राज्य के छात्र यहां विभिन्न क्षेत्रों की पढ़ाई कर रहें जिसका लाभ मिलता hail साथ हीं उन्होंने बताया की झारखण्ड राज्य का वातावरण के साथ साथ परिवहन एवम कानून एवं व्यवस्था है जो पर्यटन के साथ साथ राज्य के विकास में अहम भूमिका निभा रहीं है। वर्तमान समय यहां हवाई अड्डे देश विदेश के काफी मात्रा में हवाईजाहाओं की आवागमन हो रही है, साथ ही देवघर में पर्यटन स्थल है जहां लाखों लोग भ्रमण करते हैं जो राज्य के विकास मे अहम भूमिका निभा रहीं हैं। साथ ही उन्होंने बताया आईएचएम राँची सबसे नए संस्थानों में हैं लेकिन यह बेहतरीन प्रर्दशन कर रहा है,यहां देश के हर राज्य से छात्र नामांकन करा रहें है।
तत्पश्चात सम्मेलन की एब्स्ट्रैक्ट पुस्तक का विमोचन किया गया| इसके बाद माननीय राजयपाल ने अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन हेतु आईएचएम रांची और आयोजन समिति के शिक्षकगण और स्टाफ सदस्यों की कड़ी मेहनत और समर्पण की परिणति कि सराहना करते हुए बताया की आतिथ्य और होटल प्रशासन के ज्ञान को बढ़ावा देने, आगे बढ़ाने और प्रसार करने एवं व्यावसायिक शिक्षा और ज्ञान के उच्च स्तर को स्थापित करने में आईएचएम के महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आतिथ्य हमारे समाज और मानव जाति के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत में पर्यटन के तेजी से विकास के साथ इसका महत्व अधिक से अधिक बढ़ रहा है। सम्मेलन वर्तमान और उभरती प्रवृत्तियों, चुनौतियों और मुद्दों की रूपरेखा तैयार करेगा जो वर्तमान महामारी द्वारा लाए गए अचानक परिवर्तनों के कारण जटिलताओं की दुनिया में आतिथ्य, यात्रा और पर्यटन ऑपरेटरों द्वारा सामना किया जा रहा है तथा इस सम्मेलन में सार्थक चर्चा होगी, रचनात्मक परिणाम सामने आएंगे और कुछ ठोस सुझावों तक पहुंचने में मदद मिलेगी, जिससे नीति निर्माताओं को देश में पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र के विकास को और बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। आईएचएम रांची अपने स्थापना के बाद से ही आतिथ्य और होटल प्रशासन के प्रचार एवम प्रसार के ज्ञान देने तथा बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है l साथ ही उन्होंने बताया की पर्यटन देश के विकास मे महत्त्वपूर्ण भूमिका है| हमारे देश के हर राज्य की अपनी संस्कृति एवम पर्यटन से ही विख्यात है और पूरे विश्व में भारत जितनी संस्कृति एवम पर्यटन कहीं नहीं हैं। विदेश मे लोग कृत्रिम संग्रहालय दिखा कर लोगों को आकर्षित कर रहें है अतः हमें अपनी संस्कृति एवम पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए| हमे पर्यटन को व्यवसाय के रूप में भी बढ़ाना चाहिए| हमारे राज्य भी प्राकृतिक दृष्टिकोण से भरा पूरा है तथा इससे योजनाबध तरीके से विकसित करना होगा जिससे राज्य के साथ साथ यहां के लोगों का भी विकास होगा।यह सम्मेलन होटल, यात्रा और पर्यटन उद्योग को अपने उत्पादों और सेवाओं की रुपरेखा और व्यापार के लिए बेहतर तरीके खोजने में मदद करेगा एवं सम्मेलन के दौरान वैज्ञानिक और विषयगत सत्र छोटे प्रयासों को बड़े प्रभावों में बदलने में व्यक्तियों, संगठनों और सरकार के बीच एक खुले संवाद की व्यवस्था कायम करेगा,जो की आज की परिस्थितियों में हमें और अधिक सुदृढ़ बनाएगा। मुझे उम्मीद है कि यह सम्मेलन पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र के हितधारकों की आकांक्षाओं को पूरी तरह से पूरा करेगा।
इस दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य यात्रा पर्यटन आतिथ्य और संस्कृति से संबंधित विषयों पर एवम पर्यटन तथा वर्तमान समय में महामारी से आए अचानक परिवर्तनों के कारण दुनिया भर के आतिथ्य यात्रा एवं पर्यटन ऑपरेटर द्वारा सामना किए जा रहे मुश्किलों के विषय पर विचार-विमर्श करने हेतु आतिथ्य शोधकर्ताओं को एकत्रित करने एवम सम्बंधित विषयों का निष्कर्ष निकालना था | सम्मेलन शिक्षाविद, अनुसंधान विद्वान, होटल व्यवसायी, संगठन प्रमुख, उद्यमी तथा पर्यटन और आतिथ्य के विशेषज्ञों के लिए आयोजित किया गया था| अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में कुल 36 एब्स्ट्रैक्ट एवं रिसर्च पेपर प्राप्त हुए| सम्मलेन के पहले दिन तकनीकी सत्र का विषय नया सामान्य और रुझान विषय था, जिसमे रीता मित्रा एवं सोहिनी बासु मुखोपाधय, डॉ. गोल्डी, जोहन मेजर, अनिंदिता भरद्वाज, तृंका देका, डॉ. सुधांशु वर्मा, अभिषेक चौधुरी, चन्द्रकला बिस्वास, रतन लाल शो सीमा जैन, एम विजय रेड्डी द्वारा अपने शोध पत्र की प्रस्तुति दी गयी| इस सम्मलेन के सेशन चेयर मर. अरघा चक्रबोर्ती, निशिकांत कुमार, निशीथ श्रीवास्तव एवं पंकज चटर्जी थे
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