NBR / Dakra
रिश्तों का निर्वहन करने में कोई अपने नहीं होते तो समाज अपना मानव धर्म निभाने का मिसाल पेश करना पड़ता है। कुछ ऐसा ही वाकया गुरुवार को डकरा के मोहननगर में देखने को मिला यहां घूम घूम कर हवा मिठाई बेचने वाले 43 वर्षीय निर्धन अजय पोद्दार की मौत बीमारी से हो गई। वे अपनी वृद्ध माँ गंगिया देवी के साथ मोहननगर में एक झोपड़ी रहते थे। मृतक अजय मूल रूप से समस्तीपुर बिहार के रहने वाले थे। मोहन नगर के समाजसेवी कृष्णा चौहान पता चला कि एक निर्धन की स्वर्गवास हो गया है तो उन्होंने पहल पर मृतक के माँ की दयनीय स्थिति देखते स्थानीय प्रबुद्ध लोगों के साथ आपसी चंदा इकट्ठा कर उसके दाह संस्कार कराने का निर्णय लिया। जब अंतिम संस्कार में मृतक को ले जाया जा रहा था तो उसके वृद्ध मां गंगिया ने इच्छा जाहिर किया कि मैं खुद अपने पुत्र को मुखाग्नि दूंगी। उसकी इच्छा पूरी करने के लिए लोग उससे चुरी सफही नदी घाट तक ले गए जहां हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार कर्मकांड कराया गया। वृद्ध गंगिया ने सिसक सिसक कर रोते हुए जब अपने पुत्र को को मुखाग्नि दे रही थी तो वहाँ का माहौल काफी गमगीन हो गया। समाजसेवी कृष्णा चौहान ने बताया कि मृतक मूल रूप से समस्तीपुर बिहार के रहने वाला है और पिछले 20 वर्षों से मोहननगर में रहता था। अजय के मृत्यु के बाद अकेली बची गंगिया देवी को हमसभी मिलकर सहयोग करने का फैसला लिया। साथ ही श्राद्ध कर्म में खर्च को उठाने का निर्णय लिया है। इस पुण्य कार्य मे सहयोग करनेवालों में रमेश विश्वकर्मा, मानसी देवी, नारद राम, रीता देवी, टुपा महतो, शिवनारायन नॉनिया, दिलीप पटेल, मुनु शर्मा, अरुण चौहान , कृष्णा चौधरी, रवीं सिंह, बुटन चौहान, रमेश चौहान, अजय चौहान, सुधीर चौहान , सुनील चौहान, प्रताप यादव, अवधेश राय, शंकर चौहान, पंकज चौहान, सोनू चौहान, दीपनारायण चौहान, अजय बर्मा, मंगरा, उदय लाल, भीम रजक आदि का नाम शामिल है।
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