NBB/ Ranchi
सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ओर के विधायकों का बार-बार हो रहे अपमान का दर्द 22 मार्च को झारखंड विधानसभा में छलका। विधायक इसके लिए पूरी तरह अफसरों को जिम्मेदार ठहरा रहे थे। विधायकों का कहना था कि राज्य के अफसर जानबूझ कर जनप्रतिनिधियों को अपमानित कर रहे हैं। गुस्से में भाजपा विधायक सीपी सिंह ने तो एडीजी मुरारीलाल मीणा को घटिया अफसर तक बता दिया। साथ ही, रांची डीसी छवि रंजन को घूसखोर अफसर कहा। वहीं, बेरमो से कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने कहा कि 21 मार्च की रात राजभवन में डिनर पार्टी थी। जिसमें मंत्रियों, विधायकों और अफसरों को आमंत्रित किया गया था। पार्टी में विधायकों को बेईज्जत किया गया। मंत्री और कई बार विधायक रहे सुदेश महतो, लंबोदर महतो, इरफान अंसारी को बैठने तक की जगह नहीं दी गई।
विधायकों की गाड़ी रोककर एडीजी की गाड़ी पार्क कराई
अनूप सिंह के कहा- राजभवन की इस घटना से साफ पता चलता है कि कार्यपालिका ने अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभाई। इस कारण विधायकों को बेज्जत होना पड़ा। डिनर के बाद जब विधायक जाने लगे तो रमेश गिरि नाम के एक पुलिस अफसर ने सभी विधायकों की गाड़ियों को रुकवा कर पहले एडीजी मुरारी लाल मीणा की गाड़ी को अंदर पार्क कराई। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को मालूम होना चाहिए कि विधायिका कार्यपालिका से ऊपर है। डीसी और एसपी का क्या प्रोटोकोल है। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा में भी विधायकों को बेज्जती का सामना करना पड़ता है। स्पीकर, मुख्यमंत्री, मंत्री एक नंबर गेट से घुसते हैं, लेकिन जब विधायकों को तीन नंबर गेट से अंदर जाना पड़ता है, तब अधिकारी गेट पर खड़े तक नहीं होते।
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