GA4-314340326 Achievement of Jharkhand Government : 2019 से अब तक 6, 377 युवाओं को मिला रोजगार

Achievement of Jharkhand Government : 2019 से अब तक 6, 377 युवाओं को मिला रोजगार

 NBB/Ranchi

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के विजन के अनुसार झारखण्ड के युवाओं का कौशल विकास कर रोजगार से जोड़ने का सिलसिला सतत जारी है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री की पहल पर कल्याण विभाग एवं पैन आईआईटी अलम्नाई फ़ाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में ‘प्रेझा’ इस दिशा में सक्रिय है। प्रेझा का मुख्य उद्देश्य राज्य के आदिवासी एवं पिछड़े वर्ग के जरूरतमंद युवक- युवतियों को समय की मांग के अनुरूप हुनरमंद बनाकर रोज़गार प्रदान करना है। 


मिल रहा रोजगार

2014 में मुख्यमंत्री रहते श्री हेमन्त सोरेन की पहल से शुरू कल्याण गुरुकुल द्वारा दिसंबर 2019 से दिसंबर 2021 के बीच कुल 4, 884 युवाओं को रोजगार दिया गया। इनमें से 3, 605 युवक और 1279 युवतियां शामिल हैं। इनमें 3, 723 एसटी, 249 एससी, ओबीसी के 839 एवं 2, 218 अल्पसंख्यक वर्ग के युवा शामिल हैं। इन सभी को शापूरजी पल्लोंजी, जेएमसी प्रोजेक्ट्स, टीआई मेटल फार्मिंग, सिंथेटिक होम टेक्सटाइल्स, इंडो ऑटो समेत अन्य कंपनियों में 14,350 रुपये औसत मासिक सैलरी दी जा रही है। दिसंबर 2019 से अब तक कल्याण गुरुकुल द्वारा 5, 443 एवं कौशल कॉलेज द्वारा 934 युवाओं को प्रशिक्षण के उपरांत रोजगार दिया गया है।

विभिन्न ट्रेड में मिल रहा प्रशिक्षण

कल्याण गुरुकुल एवं कौशल कॉलेज की स्थापना सुदूर ग्रामीण इलाकों में की गई है, जिससे गरीब युवाओं को आवागमन में परेशानी का सामना न करना पड़े। ऐसे 28 कल्याण गुरुकुल, एक आईटीआई कौशल कॉलेज एवं 9 नर्सिंग कौशल कॉलेज झारखण्ड के विभिन्न जिलों में हैं।गुरुकुल में विभिन्न तरह के ट्रेड जैसे कंस्ट्रक्शन, मैन्युफ़ैक्चरिंग, सिलाई मशीन ऑपरेटर, ड्राइविंग- लॉजिस्ट इत्यादि में प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण में गुणवत्ता बनाने के लिए कल्याण गुरुकुल में डेमो वर्क साइट, इंडस्ट्री ग्रेड मशीन और प्रशिक्षण इकाई बनाई गई है, ताकि छात्रों को सीखने में आसानी हो। साथ ही, प्रशिक्षण लेने के लिए लोन की व्यवस्था की जाती है। सरकार का मक़सद प्रशिक्षण प्राप्त लाभुकों को सुगम एवं सरल तरीके से बड़ी कम्पनियों से जोडकर सौ प्रतिशत रोजगार प्रदान करना है। यहां प्रशिक्षण के पहले सिद्धांत के रूप में अनुशासन को मानक बनाकर छात्रों की ट्रेनिंग शुरू होती है। इस अनुशासन को बनाए रखने के लिए कल्याण गुरुकुल में पूर्व सैन्य अधिकारी को प्रधान अध्यापक के रूप में नियुक्त किया जाता है। युवाओं को प्रशिक्षण देने में अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया जाता है, ताकि छात्र विदेशों में आसानी से नौकरी पा सकें।

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