GA4-314340326 Example of Humanity : बेजुबान की जान बचाने के लिए 5 युवकों ने की कड़ी मेहनत, लेकिन...

Example of Humanity : बेजुबान की जान बचाने के लिए 5 युवकों ने की कड़ी मेहनत, लेकिन...

NBR/Mandar

 दिल को झकझोर देने वाला यह वीडियो है झारखंड की राजधानी रांची से 46 किलोमीटर दूर स्थित बीजूपाड़ा का। आज के युग में जब एक इंसान दूसरे इंसान की मदद करने से कतराता है, ऐसे में एक बेजुबान जानवर वह भी आवारा कुत्ते को कष्ट में देख कर अपना सारा काम छोड़ कर उसकी जान बचाने के लिए रुक जाना यह साबित करता है कि आज भी इंसानियत जिंदा है। और ये युवक भी तारीफ के काबिल हैं।

प्रभु श्रीराम के फरिश्ते बन कर आए युवक

दरअसल, 9 अप्रैल 2022 को रामनवमी के अवसर पर मांडर में बजरंग दल ने विशाल शोभायात्रा निकाली थी, जिसमें शामिल होने के बाद पंकज साहू, सुराज राम, अभिषेक कुमार, मोहित कुमार गुप्ता और सुमित कुमार गुप्ता बाइक से अपने-अपने घर लौट रहे थे। इसी बीच बीजूपाड़ा में उनकी नजर एक आवारा कुत्ते पर पड़ी कुत्ते के सिर में प्लास्टिक का एक डब्बा फंस गया था। डब्बा अपने सिर से निकालने का प्रयास कर-कर के कुत्ता पस्त हो गया था। ऑक्सीजन नहीं मिलने से वह मरने की कगार पर था, उसकी सांसों की डोर अब टूटने ही वाली थी कि उसके पुण्य प्रताप से ये पांचों युवक प्रभु श्रीराम के भेजे फरिश्ते बनकर आए।


40 डिग्री से ऊपर था पारा

 इन युवकों ने तेज धूप और 40 डिग्री से ऊपर तापमान में कड़ी मशक्कत करके न सिर्फ कुत्ते का सिर प्लास्टिक के डिब्बे से निकाला, बल्कि उसे हाईवे से हटाकर सुरक्षित स्थान पर किया। इसके बाद मिनरल वाटर की बोतल खरीद कर उसके मुंह पर पानी डाला है, लेकिन करीब 4 घंटे तक बेहोश रहने के बाद कुत्ते को होश आया।

लेकिन, मौत के आगे किसी की नहीं चलती

कहा जाता है न यमराज यदि चाह लें, तो मौत से कोई नहीं बचा सकता है। यही इस कुत्ते के साथ भी हुआ। पांचों युवकों ने अपना इंसानियत का फर्ज निभाया, लेकिन सब कुछ करने के बावजूद कुत्ते की जिंदगी नहीं बचा सके। देर रात उसकी मौत हो गई। अगले दिन रामनवमी होने के बावजूद कुछ स्थानीय नेकदिल युवकों ने पूजा-पाठ छोड़कर पहले गड्ढा खोदकर उसे सम्मानपूर्वक दफना दिया, उसके बाद रामनवमी की पूजा किए।

Post a Comment

please do not enter any spam link in the comment box.

أحدث أقدم