GA4-314340326 छत्तीसगढ़ में 325 परिवारों के 1100 सदस्यों ने एकसाथ छोड़ा ईसाई धर्म

छत्तीसगढ़ में 325 परिवारों के 1100 सदस्यों ने एकसाथ छोड़ा ईसाई धर्म

  NBR/ Raipur

छत्तीसगढ़ में  सवा तीन सौ परिवारों के 1100 से अधिक सदस्यों ने एकसाथ घर वापसी की है। वर्षों पूर्व ईसाई धर्म अपना चुके ये सभी लोग महासमुंद जिले (Mahasamund District) के बसना (Basna) में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन शुक्रवार को  अपने मूल धर्म में वापस लौट आए। प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने इन सभी को गंगा जल पिला कर और इनके पांव धोकर सनातन धर्म में वापसी कराई। कथावाचक पंडित हिमांशु कृष्ण महाराज ने वैदिक रीति से घर वापसी कराने के बाद इन सभी को शपथ ग्रहण कराई।

श्रीमद्भागवत कथा में शामिल लोग।

 बहकावे में आकर आपना लिए थे ईसाई धर्म

ईसाई धर्म (Christian Religion) से वापस सनातन धर्म में लौटे 325 परिवारों के 1100 से अधिक सदस्यों ने कहा कि वे लोग बहकावे में अपने धर्म से भटक गए थे। ईसाई धर्म अपनाने से पहले जिस तरह से उन्हें समझाया गया था, वैसे उनके जीवन में कोई बदलाव नहीं आया। इसलिए, वे लोग आज अपनी गलती सुधार लिए।

10 हजार लोगों की घर वापसी करा चुके हैं प्रबल

घर वापसी करने वाले का पांव पखारते प्रबल प्रताप सिंह जूदेव।

ऊपर की खबर पढ़कर आपके मन में यह सवाल जरूर उठेगा कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में लोग एकसाथ कैसे अपना धर्म बदल सकते हैं, तो इसका जवाब है-- छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जशपुर राजघराने (Royal Jashpur Family) के राजकुमार प्रबल प्रताप सिंह जूदेव (Praval Pratap Singh Judev)। प्रबल के पिता स्व. दिलीप सिंह जूदेव भी अपना पूरा जीवन सनातन धर्म (Sanatan Religion) से भटके लोगों की घर वापसी को समर्पित किए हुए थे। जिस तरह वे भाजपा के दिग्गज नेता और सांसद थे, उन्हीं की तरह प्रबल भी छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा (BJP) के मंत्री हैं। प्रबल अभी तक छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में 10 हजार से अधिक लोगों की घर वापसी (Homecoming) करा चुके हैं। वे कहते हैं कि मेरे पिता ने जो अभियान शुरू किया था, उसे आगे बढ़ा कर मैं गौरवान्वित महसूस करता हूं।




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