GA4-314340326 भाजपा ने अमूल से भी किया कांग्रेस को बाहर

भाजपा ने अमूल से भी किया कांग्रेस को बाहर

 गुजरात की सत्ता में पिछले 27 वर्षों से काबिज भाजपा इसे मान रही बड़ी जीत

 NB/Desk

दूध, दही, पनीर, मक्खन व दुग्ध उत्पादों के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध अमूल डेयरी पर भी भाजापा का कब्जा हो गया है। अमूल के 77 साल के इतिहास में पहली बार भगवा दल उसकी मैनेजिंग कमेटी पर काबिज हुआ है। 1946 से अभी अमूल डेयरी की मैनेजिंग कमेटी में कांग्रेस के लोग ही काबिज थे। इस बार हुए खेड़ा जिला दुग्ध उत्पाद संघ, आणंद (kaira district co-operative milk producers union ltd, amul dairy) के चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिली है। संघ के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पदों पर भाजपा ने कब्जा जमाया है। पार्टी के विपुल पटेल अध्यक्ष और कांतिभाई सोढ़ा परमार उपाध्यक्ष चुने गए हैं। विपुल खेड़ा जिला भाजपा के अध्यक्ष भी हैं। गुजरात की सत्ता पर 27 वर्षों से काबिज भाजपा इसे बड़ी जीत मान रही है।

ऐसे बाहर हुई कांग्रेस

अभी तक खेड़ा जिला सहकारिता दुग्ध उत्पादक संघ पर कांग्रेस के लोग काबिज थे। कुछ समय पहले तक संघ में बतौर सदस्य के भाजपा के मात्र तीन मेंबर थे। परंतु, कुछ दिनों पहले अमूल डेयरी के पांच निदेशकों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। कुछ दिनों पर कांग्रेस के टिकट पर आणंद से जीतकर विधानसभा पहुंचे कांतिभाई सोढ़ा परमार के साथ ढेलाजी जाला, शारदाबेन परमार, सीताबेन परमार व जुवानसिंह चौहान भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद अमूल डेयरी के बोर्ड में भाजपा के आठ और कांग्रेस के पांच निदेशक हो गए थे, तब से ही संभावना जताई जा रही थी कि गुजरात की अन्य डेयरियों की तरह अमूल में भी भाजपा राज हो जाएगा।

लंबे समय से राम सिंह थे अध्यक्ष

अध्यक्ष के पद पर लंबे समय राम सिंह परमार (Ram Singh Parmar) काबिज थे। उनके अलावा वर्तमान में राजेंद्र सिंह परमार उपाध्यक्ष थे। राम सिंह कांग्रेस (Congress) के टिकट पर सात बार ठसरा विधानसभा सीट से अध्यक्ष रहे हैं। लेकिन, जुलाई 2017 में भाजपा (BJP) में शामिल हो गए थे। इसके बावजूद अमूल डेयरी के अध्यक्ष बने हुए थे। वे 1978 में अमूल डेयरी के बोर्ड में पहली बार सदस्य के रूप में जीतकर आए थे। 1990 से 1996 तक अध्यक्ष रहे। इसके 6 साल बाद 2002 मे फिर अध्यक्ष बने, तब से इस पद पर काबिज थे। उन्हें डेयरी की राजनीति में कांग्रेस का बड़ा चेहरा माना जाता है। हालांकि, नवनिर्वाचित अध्यक्ष विपुल पटेल (Vipul Patel) ने राम सिंह हार नहीं, बल्कि परिवर्तन बताया है।

अमूल का कितने का है कारोबार

अमूल डेयरी (Amul Dairy) का सालाना चार हजार करोड़ रुपए का कारोबार है, आज यह भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में कारोबार कर रही है। क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान अफ्रिकी देश केनिया की टीम की स्पॉन्सर भी रह चुकी है। बताते चले कि 4 जनवरी 1946 को सरदार बल्लभ भाई पटेल के निर्देशन में मोरारजी भाई देसाई ने गुजरात में सहकारिता के क्षेत्र में पहली डेयरी के रूप में इसकी स्थापना की थी।  

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