GA4-314340326 बोकारो में बर्ड फ्लू नहीं, पास्चरेला वायरस से मर रहीं मुर्गियां

बोकारो में बर्ड फ्लू नहीं, पास्चरेला वायरस से मर रहीं मुर्गियां


जांच रिपोर्ट में पास्चरेला वायरस की पुष्टि, पर दूसरी जांच रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहा विभाग

Bokaro : झारखंड के लौह नगरी कहे जानेवाले शहर बोकारो में इन दिनों तेजी से मुर्गियां मर रही हैं। यह खबर फैलते ही राज्यभर में चिकन खाने के शौकिन लोगों के कान खड़े हो गए। होली का त्योहार करीब होने के कारण आम लोगों के साथ-साथ चिकन के कारोबार से जुड़े लोग भी सकते में आ गए। इसके बाद राज्य सरकार भी हड़कत में आई थी और जांच का आदेश दिया। पशुपालन निदेशक चंदन कुमार शनिवार को रांची से बोकारो पहुंचे। उन्होंने मुर्गियों के मरने के संभावित सभी बिंदुओं की गहनता से जांच की। राजकीय कुकुट पालन केंद्र बोकारो के अफसरों व कर्मचारियों से भी उन्होंने पूछताछ की और उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश दिया।

कोलकाता भेजे गए सैंपल से हुई पुष्टि

मुर्गियों के मरने का कारण पता करने के लिए विभाग ने सैंपल कोलकाता लैब भेजा था। जांच रिपोर्ट में मौत का कारण बर्ड फ्लू नहीं बल्कि पास्चूरेला बताया गया है। हालांकि, अभी एक और रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। राजकीय कुकुट पालन केंद्र बोकारो के सहायक निदेशक डॉ. प्रवीण के मुताबिक, बर्ड फ्लू (Bird Flu) नहीं, पास्चूरेला वायरस (Pasteurella Virus) से मुर्गियों (Chicken) की मौत हो रही है। लेकिन, अभी एक और जांच रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है।

 क्या है पास्चरेला वायरस

 पास्चरेला वायरस का संक्रमण जानवरों और पक्षियों में तेजी से फैलता है। इसकी चपेट में आने के बाद मुर्गियों में बुखार, सांस लेने में परेशानी, लाल आंखें और खांसी की समस्या हो जाती है। इसके बाद संक्रमित पशु-पक्षी और मुर्गियां खाना-पीना छोड़ देते हैं, अंत में उनकी मौत हो जाती है। इस बीमारी का अभी तक कोई प्रभावशाली इलाज नहीं है। इसलिए, संक्रमित मुर्गी या पशु-पक्षी को बाकी पशु-पक्षी या मुर्गियों से अलग रखने की सलाह दी जाती है। 

राजकीय कुकुट सेंटर में साढ़े तीन सौ कड़कनाद मुर्गे मरे

बोकारो के राजकीय कुकुट पालन केंद्र (Government Poultry Center) में रविवार को साढ़े तीन सौ से अधिक कड़कनाद मर्गों की मौत हो गई। पिछले एक सप्ताह से यहां रोजाना सैकड़ों मुर्गियां मर रही हैं। अभी तक एक हजार से अधिक मुर्गियों की मौत हो चुकी है। मरी हुई मुर्गियों बोकारो के सेक्टर 12 स्थित राजकीय कुकुट पालन केंद्र के परिसर में ही दफनाया जा रहा है। आम लोग इन मुर्गियों के मरने का कारण बर्ड फ्लू ही मान रहे हैं, जबकि विभाग फिलहाल इसे पास्चरेला वायरस का संक्रमण बता रहा है। लेकिन, उसे भी कोलकाता लैब की दूसरी जांच रिपोर्ट आने का इंतजार है।

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